ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सफाई व्यवस्था बेहद खराब स्थिति में चल रही है गांव में तो बहुत ही ज्यादा खराब स्थिति सफाई व्यवस्था की बनी हुई है।जगह-जगह कूड़े के ढेर वहां दिखाई देंगे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के औचक निरीक्षण दौर भी आपको सिर्फ सोसाइटियों तक ही दिखाई देंगे।
गांव की सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार
गांव में साफ सफाई सिर्फ खानापूर्ति के लिए की जा रही है गांव में आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारी प्राधिकरण की तरफ से नियुक्त किए गए हैं। लेकिन ठेकेदार द्वारा अधिकारियों की मिली भगत से सफाई कर्मचारी सिर्फ एक या दो ही पहुंच पाते हैं और वह भी अगर झाड़ू लगा जाते हैं तो हफ्ते हफ्तों तक कूड़ा उठाने के लिए नहीं आते हैं सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से भी ऐसा लगता है गांव में साफ सफाई की कोई जरूरत नहीं है। गांव के लोग तो सिर्फ कभी-कभी एक एक या दो कर्मचारियों के हाथ में झाड़ू देखकर ही खुश हो जाएंगे। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी की अपने विभाग में कम रुचि है जबकि दूसरे विभागों में ज्यादा रुचि रहती है ऐसे में अपने विभाग का काम अच्छे से कैसे हो पाएगा।
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