ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
गौतम बुध नगर जिले में आजकल हर तरफ अवैध अतिक्रमण की चर्चाएं हो रही है। अवैध अतिक्रमण चल भी पड़े स्तर पर रहा है। अगर हम बात करें हरनंदी या हिंडन नदी के डूब क्षेत्र कि तो वहां पर अवैध निर्माण की भरमार है जो जमीन कृषि के लिए होती थी आज वहां पर छोटे-छोटे मकान खड़े हुए हैं फार्म हाउस बने हुए हैं। इस नदी के एक और नोएडा प्राधिकरण तो दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अधिसूचित एरिया है नदी का डूब क्षेत्र तकरीबन पूरा ही घनी आबादी में तब्दील हो चुका है।
अवैध कॉलोनीयों के लिए प्राधिकरण और प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं अवैध निर्माण एक दिन में तो नहीं होता है तहसील के लेखपाल भी अवैध निर्माण में सम्मिलित है। डूब क्षेत्र के अवैध निर्माण में उनकी भी भूमिका नजर आती है साथ ही प्राधिकरण के द्वारा भी इस अवैध निर्माण पर नाम मात्र के लिए कार्रवाई की जाती है जब भी प्राधिकरण इन्हें तोड़ता है अगले ही रोज फिर इनमें कार्य शुरू हो जाता है।
पिछले साल ही आई नदी में बाढ़
पिछले साल ही हिंडन नदी में बाढ़ आई थी। जिसके कारण आसपास के इलाकों में पानी भर गया था और लोगों को वहां से बाहर निकलना पड़ा था। उसके बाद भी प्राधिकरण और प्रशासन सख्त नहीं हुआ। अवैध निर्माण वैसे ही चल रहा है और अब हम फिर वहीं पिछले साल वाली स्थिति को दोहराने वाले हैं। उस स्थिति से हमने कुछ नहीं सीखा है।
कनेक्शन पर रोक के बावजूद अवैध निर्माण में लाइट क्यों जल रही है?
प्राधिकरण और प्रशासन ने मिलकर अवैध कॉलोनी में बिजली के कनेक्शन पर रोक लगाई थी। लेकिन उसके बावजूद भी अवैध कॉलोनी में लाइट जल रही है।
इस अवैध निर्माण की बाढ़ को रोकने के लिए भी प्राधिकरण प्रशासन को साथ आना होगा। सभी को साथ मिलकर के कार्य करना होगा तभी अवैध निर्माण पर लगाम लगाई जा सकती है। तहसील और प्राधिकरण के अधिकारी अपनी जेब में भरने में पीछे नहीं है अवैध निर्माण के नाम पर लूट मची हुई है। प्राधिकरण और प्रशासन को मिलकर सख्त कदम उठाने होंगे।
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