वन विभाग ने एक कंपनी के खिलाफ पेड़ काटने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। मामले में यह दावा किया गया है कि अब तक कंपनी ने लगभग 1500 पेड़ काट लिए हैं।
मंगलवार को वन विभाग की टीम ने शाकुंतलम लैंडक्रॉफ्ट कंपनी के परिसर में पेड़ों को काटने पर सील लगा दी। वन विभाग द्वारा कंपनी के खिलाफ पेड़ काटने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जिसमें आरोप है कि कंपनी ने अब तक लगभग 1500 पेड़ काटे हैं। आरोप है कि इन पेड़ों को काटकर आवासीय और अन्य निर्माण कार्यों की तैयारी की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जिलाधिकारी को पेड़ काटने की रिपोर्ट भेज दी है।
देवू मोटर्स कंपनी ने एक बार 1200 बीघा जमीन पर अपनी इकोटेक-तीन में अपनी इकोटेक-तीन कंपनी के लिए बनाया था। लेकिन इसके दिवालिया होने के बाद, शाकुंतलम लैंडक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने इसे खरीद लिया। अब शाकुंतलम ग्रुप यहां पर एक औद्योगिक पार्क विकसित कर रहा है, जिसके लिए पेड़ों को कटा जा रहा है। इस वक़्त, कंपनी की जमीन पर लगभग एक लाख पेड़ हैं, छोटे-बड़े।
शिकायतकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया है कि 10 जून को भी पेड़ काटने की शिकायत की गई थी, जिसमें 1000 से अधिक पेड़ काटने का आशंका था। वन विभाग ने इस आपत्तिजनक स्थिति को देखते हुए माना कि 960 पेड़ काट लिए गए हैं। हालांकि, इसके बावजूद, कंपनी ने अब भी विधिवत परमिट प्राप्त किए बिना अतिरिक्त 500 पेड़ काट दिए हैं। कंपनी का दावा है कि वे इन पेड़ों को उपयोग करके निर्माण कार्य करना चाहती हैं, जबकि उन्होंने पेड़ काटने की अनुमति नहीं प्राप्त की थी। इस मामले में, मंगलवार को वन विभाग की टीम ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर सभी व्यक्तियों को बाहर निकाला और कंपनी को सील कर दिया।
इस विषय में वन विभाग के रेंजर प्रशांत ने बताया कि शाकुंतलम कंपनी के खिलाफ विभाग ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, क्योंकि चेतावनी के बावजूद भी कंपनी ने पेड़ों को काटना जारी रखा। 25 जून को भी पेड़ काटे गए हैं और इसे लेकर कंपनी को सील कर दिया गया है। इन घटनाओं में मौजूद दोनों घटनाओं में 100 से अधिक पेड़ों के काटने के सबूत मिले हैं। वर्तमान में, जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है और आगामी कार्रवाई के लिए उनके आदेश का इंतजार है।
भूगर्भ जल विभाग की अधिकारी अंकिता राय ने बताया कि एक बोरवेल लगाने की शिकायत कंपनी में आई है, लेकिन उसके लिए आवश्यक एनओसी नहीं ली गई थी, जिससे यह अवैध हो गया। इसके परिणामस्वरूप कंपनी को एक नोटिस जारी किया जाएगा और उसे सील कर दिया जाएगा। वर्तमान में कंपनी परिसर सील होने के कारण कार्यकर्ताओं को अंदर नहीं आने दिया गया। जब सीलिंग खोली जाएगी, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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