दिल्ली पुलिस द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट मामलों की जांच में गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ कार्यालय तक पहुंच, अनुमतियों की समीक्षा शुरू

नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर

दिल्ली पुलिस की अंतरराज्यीय क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही जांच अब गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ कार्यालय तक पहुंच चुकी है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति से संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं। इसके साथ ही, जिला स्तरीय अंग प्रत्यारोपण समिति के फैसले भी अब जांच के दायरे में आ गए हैं।

वर्ष 2022 से अब तक किडनी प्रत्यारोपण के लिए दी गई सभी अनुमतियों की समीक्षा की जाएगी। इस प्रक्रिया में गौतमबुद्ध नगर के यथार्थ अस्पताल के साथ-साथ फोर्टिस अस्पताल, जेपी अस्पताल, और प्राइमाकेयर सुपर्स्पेशियिलिटी अस्पताल में किए गए प्रत्यारोपण के मामले भी शामिल होंगे।

सीएमओ कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने किडनी अवैध व्यापार मामले में जानकारी मांगी थी। इसके संबंध में रिकॉर्ड्स प्राप्त कर लिए गए हैं, जिनमें मरीज और डोनर के दस्तावेज और मेडिकल हिस्ट्री भी शामिल हैं। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि जिला स्तरीय अंग प्रत्यारोपण समिति के सामने प्रस्तुत होने वाले रिकॉर्ड्स की जांच के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति दी जाती है। दिल्ली पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है, लेकिन सीएमओ ने इस मामले में किसी विभागीय जांच की मांग से इनकार किया है।

2018 के शासनादेश के बाद, नोएडा में एक जिला स्तरीय अंग प्रत्यारोपण समिति की स्थापना की गई थी, जिसकी अध्यक्षता सीएमओ द्वारा की जाती है। इस समिति में स्वास्थ्य विभाग, एनजीओ, और निजी अस्पताल के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। समिति की मुख्य कार्यक्षमता मरीजों और डोनरों के साथ बातचीत करके आवश्यक दस्तावेजों की जांच कर, ट्रांसप्लांट प्रत्यारोपण की अनुमति देना है। वीडियो रिकॉर्डिंग को भविष्य में साक्ष्य के रूप में भी उपयोग किया जाता है। पहले इस समिति की अध्यक्षता डीएम के द्वारा की जाती थी, परंतु 2018 के बाद सीएमओ द्वारा निर्देशित की गई है।


Discover more from Noida Views

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related posts

Leave a Comment