नोएडा, दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध कब्जे और शराब की दुकान समेत अन्य निर्माणों की समस्या सामने आई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। लेकिन अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्राधिकरण से पर्यावरणीय नियमों का पालन करते हुए इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल के आदेश के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सिग्मा-2 सेक्टर में छोड़ी गई ग्रीन बेल्ट का अनुचित उपयोग हो रहा है। ग्रीनबेल्ट जीबी-9, जीबी-10, जीबी-11, और जीबी-13 को पूरी तरह से विकसित नहीं किया गया है। पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधारोपण भी नहीं किया गया, जिसके परिणामस्वरूप यहां ग्रीनबेल्ट में देशी शराब की दुकानें खुल गई हैं और कई पक्के निर्माण भी हो चुके हैं।
एनजीटी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पर्यावरणीय नियमों का पालन इस मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की अव्यवस्थित स्थिति न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है बल्कि क्षेत्र की सौंदर्यता को भी बिगाड़ती है। अतः एनजीटी ने जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है ताकि वे इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई करें।
इस मामले की अगली सुनवाई एनजीटी में 24 सितंबर को होगी। इसके एक सप्ताह पहले अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट में उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने ग्रीन बेल्ट की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। साथ ही, ग्रीनबेल्ट में पौधारोपण और अन्य पर्यावरणीय संरक्षण उपायों को भी लागू करने के प्रयासों की जानकारी देनी होगी।
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