ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विभागों की आपत्तियों और अन्य प्रपात्राओं की जांच करें विधि विभाग, आम आदमी को मिले न्याय

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बेवजह के कोर्ट केस लगातार बढ़ रहे हैं छोटे-छोटे मामले भी कोर्ट केस में चल रहे हैं जिससे आम आदमी को भी परेशानी हो रही है और प्राधिकरण पर भी कोर्ट केसों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है अगर कुछ विभागों के कार्यों को प्राधिकरण के विधि विभाग से निरीक्षण और सलाह के बाद निष्पादित किया जाए, तो कोर्ट केस के मामले कुछ काम हो सकते हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास पूरा एक विधि विभाग है जिसमें अनेक अधिकारी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं अच्छा काम कर रहे है उनकी सहायता से कोर्ट केसों पर काबू पाया जाना चाहिए।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संपत्ति विभाग, कृषि आबादी, बिल्डर विभाग और इंडस्ट्री विभागों के कार्यों को करने से पहले उनका निरीक्षण विधि विभाग से कराया जाना चाहिए। जिससे उस कार्य की विधि स्तिथि स्पष्ट हो सके और भविष्य में कोई अन्य समस्या ना आये।

आजकल प्राधिकरण में आपत्तियों का दौर चल रहा है। 25 से 30% प्लॉटों पर आपत्ति लगाई जाती हैं। जिसमे से नाम मात्र की ही कुछ जायज आपत्तियां होती हैं बाकि बेवजह परेशान और भ्रष्टाचार के लिए लगाई जाती है। सभी तरह की आपत्तियों का निरीक्षण विधि विभाग द्वारा कराया जाए और उनकी राय के अनुसार ही आपत्तियों का निस्तारण हो। जिससे कि किसानों और अलॉटी को उनका हक मिल सके और कुछ हद तक भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाई जा सके।

पूर्व में यमुना प्राधिकरण ने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण समझते हुए एक कार्यालय आदेश जारी किया था। जिसमें सभी विभागों के प्रपत्रो का निरीक्षण विधि विभाग से कराए जाने का आदेश था। इसके बाद कोर्ट केस में कमी देखने को मिली थी और आम लोगों के साथ न्याय होने लगा था।


Discover more from Noida Views

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related posts

Leave a Comment