नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
एनसीआर में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लोगों को मिलेगा। इस योजना के तहत तीन करोड़ मकान बनाए जाएंगे, जिससे छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को भी फायदा होगा। केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत शहरी गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों के लिए एक करोड़ सस्ते मकान बनाने की घोषणा की गई है, जिसका लाभ एनसीआर के निवासियों को भी मिलेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए 10 लाख करोड़ के बजट की घोषणा की है, जिसमें पांच वर्ष में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। इससे एनसीआर में दो से तीन वर्ष में करीब 30 से 35 लाख सस्ते मकान बन सकेंगे।
इससे सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो एनसीआर में कम बजट में घर तलाश कर रहे हैं। साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर को भी बूस्टर डोज मिलेगा। निर्माण गतिविधियां शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्माण सामग्री की खपत भी बढ़ेगी। जानकारों के मुताबिक सस्ते मकान चार श्रेणियों में बनेंगे। सरकार खुद ही सस्ते मकान बनाने की स्कीम लॉन्च कर सकती है, या बिल्डरों को इसे बनाने के लिए टेंडर जारी कर सकती है। बिल्डर भी अपनी जमीन पर सस्ते मकान बनाकर लोगों को बेच सकते हैं, जिस पर सरकार की ओर से छूट दी जा सकती है। वहीं व्यक्तिगत तौर पर भी लोग अपना मकान बनाते समय सरकार की मदद ले सकते हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अभी तक इस मामले पर काम नहीं हो रहा था, लेकिन अब सरकार की घोषणा के बाद बिल्डरों में उत्साह है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 लाख करोड़ का आवंटन हुआ है, जिससे एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास की आवश्यकता पूरी होगी। वहीं, फैक्ट्री के कर्मचारियों के लिए पीपीपी मॉडल पर रेंटल हाउसिंग का फैसला भी स्वागत योग्य है।
शहरों के हिसाब से सस्ते मकानों की अलग-अलग श्रेणियां होंगी। बिल्डरों के मुताबिक सस्ते मकान की कोई तय परिभाषा नहीं है। सरकार की ओर से 8 से 10 लाख रुपये के फ्लैट बनाए जाते हैं। बिल्डर ग्रुप हाउसिंग परियोजना के तहत 100 फ्लैट प्रति हेक्टेयर आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए बनाते हैं। फ्लैट की कीमत शहरों के हिसाब से अलग-अलग होती है। दिल्ली-एनसीआर में जिस आकार के फ्लैट की कीमत 50 लाख होगी, वही यूपी या अन्य राज्यों के दूसरे शहरों में उसकी कीमत खासी कम होगी। टियर-2 और टियर-3 के शहरों में इसकी कीमत और कम हो जाती है। नोएडा में इस श्रेणी में 15 से 45 लाख के फ्लैट आते हैं।
फैक्टरी के कामगारों के लिए परिसर में डॉरमेट्री बनेगी। बिल्डर इसका फायदा उठाने की तैयारी कर चुके हैं और उनकी ओर से इस तरह के घर या हॉल बनाए जाएंगे जिसमें कई बेड लगे हों। यहां कामगार रात में आराम कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए कामगारों को किराया देना होगा। इस तरह की योजना न्यू नोएडा के मास्टर प्लान में शामिल है। वहां कामगारों को फैक्टरी परिसर में ही घर बनाकर दिया जाएगा।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.