नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
भोजन को लंबे समय तक गर्म रखने के लिए अक्सर एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग किया जाता है। रोटियां और अन्य चीजें इस फॉयल में लपेटकर घंटों तक गर्म और नरम रहती हैं। लेकिन क्या यह हमारी सेहत के लिए सही है?
भोजन को पकाने और रखने के लिए किस प्रकार के बर्तनों का उपयोग किया जाए, इस पर कई अध्ययन हुए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भोजन पकाने के लिए एल्युमिनियम बर्तनों और पैकिंग के लिए एल्युमिनियम फॉयल का व्यापक उपयोग हो रहा है। लेकिन, अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। कई शोध बताते हैं कि एल्युमिनियम हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। एल्युमिनियम हमारी मिट्टी, बर्तनों और फॉयल के माध्यम से भोजन में प्रवेश कर सकता है। शरीर मल और मूत्र के माध्यम से इसे बाहर निकालता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसके सेवन से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
मिस्र स्थित ऐन शम्स यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर गादा बासियोनी कहते हैं कि रसोई में कई चीजों के माध्यम से एल्युमिनियम हमारे शरीर में पहुंच सकता है। एल्युमिनियम के अधिक संपर्क में आने से भ्रम, मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों में दर्द, दौरे, बोलने में समस्या और बच्चों में धीमी वृद्धि हो सकती है।
एल्युमिनियम का रिसाव
एल्युमिनियम को अल्जाइमर, पार्किंसंस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण माना जाता है। यह खाना पकाने के बर्तनों से रिसकर शरीर में पहुंच सकता है। टमाटर या नींबू जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थों के साथ इसका रिसाव बढ़ सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अनुसार, प्रति सप्ताह 1 किलोग्राम शरीर के वजन पर 2 मिलीग्राम से अधिक एल्युमिनियम का संपर्क हानिकारक नहीं है।
क्या एल्युमिनियम का उपयोग बंद कर देना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रसोई से एल्युमिनियम को पूरी तरह से हटाना संभव नहीं है, लेकिन इसके उपयोग को कम किया जा सकता है। भोजन को कम तापमान पर पकाएं। एल्युमिनियम के बजाय कांच या चीनी मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। लंबे समय तक फॉयल में भोजन रखने से बचें और फॉयल में रखकर ओवेन में गर्म करने से भी परहेज करें।
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