नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
पंच पत्तियों वाला बेलपत्र भारतीय धार्मिक परंपराओं में एक विशेष स्थान रखता है। इसे पंचदेव और शिव परिवार का प्रतीक माना जाता है। आमतौर पर, बेलपत्र तीन पत्तियों वाला होता है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन पांच पत्तियों वाला बेलपत्र बहुत ही दुर्लभ होता है और इसे विशेष महत्व दिया जाता है।
पंचदेव और शिव परिवार का प्रतीक
पांच पत्तियों वाले बेलपत्र को पंचदेव का प्रतीक माना जाता है। ये पंचदेव हैं:
- ब्रह्मा
- विष्णु
- महेश
- गणेश
- मां दुर्गा
इसी तरह, इसे शिव परिवार का प्रतीक भी माना जाता है:
- शिव
- पार्वती
- अशोक सुंदरी
- गणेश
- कार्तिकेय
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
पांच पत्तियों वाला बेलपत्र शिव पूजा में विशेष स्थान रखता है। इसे अर्पित करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी करने का आशीर्वाद देते हैं। इसका दर्शन करना पंचदेव या शिव परिवार के दर्शन के बराबर माना जाता है, जो सौभाग्य का संकेत है।
विभिन्न उपाय
- धन समृद्धि के लिए: आर्थिक तंगी दूर करने और धन स्थिरता के लिए, सोमवार के दिन बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें और फिर उन पत्तियों को पर्स, तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रख दें।
- मनोकामना पूर्ति हेतु: शिवजी का जलाभिषेक करने के बाद, पांच पत्तियों वाले बेलपत्र के साथ दूध और शहद शिवलिंग पर अर्पित करें। यह उपाय कम से कम 11 सोमवार तक करें।
- शीघ्र विवाह हेतु: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए, पांच सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करें और 108 बेलपत्र अर्पित करें। इस दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करते रहें।
- संतान प्राप्ति हेतु: विवाह के बाद संतान सुख की प्राप्ति के लिए, पूर्णिमा के बाद आने वाले सोमवार को अपनी आयु के बराबर बेलपत्र के पत्ते दूध में डुबोकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
- अच्छी सेहत हेतु: सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए, 108 बेलपत्र पर चंदन लगाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित करें।
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