नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद कंगना रनौत ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एक सवाल पूछा है कि क्या सरकार के पास एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों की निगरानी के लिए कोई प्रणाली है, जिससे उनके द्वारा यात्रियों के साथ किए गए संभावित दुर्व्यवहार को रोका जा सके। कंगना रनौत ने विशेष रूप से जानना चाहा कि क्या सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रणाली रखती है कि सीआईएसएफ कर्मियों पर किसी नकारात्मक प्रभाव का असर न पड़े, जिससे यात्रियों के साथ बुरा व्यवहार हो सकता है।
इस पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक लिखित उत्तर में बताया कि एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों के पेशेवर आचरण की निगरानी के लिए एक विशेष प्रणाली लागू की गई है। इसमें एक व्यक्तिगत सूचना प्रणाली शामिल है, जहां पर्यवेक्षी अधिकारी कर्मियों की व्यक्तिगत और पेशेवर प्रोफाइल को नियमित रूप से अपडेट करते हैं। सीआईएसएफ कर्मियों की व्यक्तिगत प्रोफाइल शीट और डोजियर को यूनिट स्तर पर संजोया जाता है और नई पोस्टिंग पर भेजा जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि सोशल मीडिया की निगरानी की जाती है ताकि किसी नकारात्मक तत्व की संलिप्तता का पता चल सके।
मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कर्मियों की मनोवैज्ञानिक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए हवाई अड्डों पर संरक्षक और मित्र जोड़ी प्रणाली लागू की गई है। सीआईएसएफ कर्मियों को नियमित रूप से सॉफ्ट स्किल और व्यवहार प्रशिक्षण भी दिया जाता है, और उनके मनोबल को बनाए रखने के लिए प्रेरणादायक सत्र भी आयोजित किए जाते हैं।
यह सब तब हुआ जब कंगना रनौत पर हाल ही में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक महिला सीआईएसएफ कांस्टेबल ने कथित तौर पर थप्पड़ मारा था। इस घटना के बाद, कंगना रनौत ने सरकार से पूछा कि क्या एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ कर्मियों की निगरानी के लिए कोई ठोस प्रणाली है।
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