नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ की गौतमबुद्धनगर शाखा ने आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह धरना कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें कलेक्ट्रेट और तहसीलों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
इस धरने का नेतृत्व जिलाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने किया, जिनके नेतृत्व में कर्मचारियों ने 22 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया।
धरना प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष ने कहा कि कलेक्ट्रेट कार्यालय को विशेष प्रतिष्ठा देने और कर्मचारियों का वेतन उच्चीकृत करने सहित कई महत्वपूर्ण मांगें की गई हैं। इसके साथ ही, कलेक्ट्रेस लिपिक संवर्ग सेवा नियमावली 2011 को पूर्ववत लागू करने, लेखा का कार्य संपादित करने वाले पटल सहायकों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिए जाने, नवसृजित जनपदों और तहसीलों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के पद सृजित करने जैसी मांगें भी प्रमुखता से उठाई गईं।
उन्होंने बताया कि विभागाध्यक्षों और राजस्व परिषद की संस्तुति होने के बावजूद शासनादेश निर्गत न करने के कारण कर्मचारियों में असंतोष और कुण्ठा व्याप्त है, जिससे उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार पदोन्नति के शासनादेश जारी किए जाते हैं, लेकिन सेवा नियमावली के तहत प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को शासन द्वारा रोक दिया गया है, जिससे कई कर्मचारी पदोन्नति से वंचित होकर सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
धरना में यह भी मांग की गई कि कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित किया जाए, लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति मिले, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए, और रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की जाए।
शशि भूषण तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि 17 सितंबर तक मांगों का समाधान नहीं होता है, तो 18 सितंबर को लखनऊ के हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदेशभर के कर्मचारी विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे।
धरने के अंत में सचिव भूपेन्द्र कुमार ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो गंभीर आंदोलन की संभावना है।
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