नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
हाल ही में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत, जो दवाओं का सबसे बड़ा उत्पादक है, की कई दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 53 दवाएं, जिनमें पैरासिटामोल और अन्य महत्वपूर्ण दवाएं शामिल हैं, गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गईं।
एड्स सोसायटी ऑफ इंडिया के एमेरिटस अध्यक्ष डॉ. ईश्वर गिलाडा ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि भारत की फार्मा राजधानी के रूप में हमारी पहचान को नुकसान पहुंच सकता है। दवा कंपनियों, जैसे सन फार्मा और टोरेंट फार्मा, ने दावा किया है कि फेल बताई गई दवाएं उनकी नहीं हैं और यह नकली हैं। इन कंपनियों ने मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए QR कोड और 3D सुरक्षा पट्टी जैसे उपायों की जानकारी दी है। डॉ. गिलाडा ने सरकार से ठोस कार्रवाई की अपील की है, ताकि दवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।