आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन मां जगदम्बा के पहले स्वरूप, माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता शैलपुत्री की आराधना से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है और घर में सुख एवं समृद्धि का वास होता है।
माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, जिनका पूजन कलश स्थापना के साथ किया जाता है। भक्त इस दिन अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थिर कर माता की उपासना करते हैं, जिससे योग साधना का आरंभ होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता शैलपुत्री भगवान शिव की अर्धागिनी भी हैं और उनका स्वरूप त्रिशूल और कमल के पुष्प से युक्त है।
इस दिन लाल अड़हुल या कमल के पुष्प का विशेष प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, पान के पत्ते पर सुपाड़ी, लौंग और मिश्री अर्पित करने से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं। माता के पूजन के दौरान ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’ मंत्र का जाप करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है। इस नवरात्रि, मां शैलपुत्री से सभी भक्तों की समस्याओं के निवारण की प्रार्थना करें।