हर साल अक्तूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाने वाला विश्व दृष्टि दिवस (10 अक्तूबर 2024) आंखों की सेहत के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में लगभग 4.95 मिलियन लोग अंधेपन या दृष्टि हानि से ग्रस्त हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। बढ़ते लाइफस्टाइल और आहार संबंधी बदलावों के कारण यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है।
उम्र के साथ आंखों की समस्याओं में वृद्धि होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दृष्टि दोष और अंधेपन से प्रभावित अधिकांश लोग 50 वर्ष से अधिक उम्र के होते हैं। इसलिए, शुरुआती उम्र से ही आंखों की देखभाल करना आवश्यक है। पौष्टिक आहार, नियमित आंखों की जांच, और आंखों को चोट से बचाना इन समस्याओं को कम करने में मददगार हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सभी व्यक्तियों को हर छह महीने में अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए। इससे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और अन्य दृष्टि दोष का समय पर पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे स्वास्थ्य मुद्दों को नियंत्रण में रखना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये आंखों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। धूम्रपान भी आंखों के लिए एक बड़ा खतरा है, खासकर 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों में। यह मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
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