नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में दस साल बाद नई सरकार का गठन होने जा रहा है, जिसमें पहली बार पांच नामित विधायकों को अहम भूमिका दी जाएगी। इनमें दो कश्मीरी विस्थापित (एक पुरुष और एक महिला) और एक पीओजेके विस्थापित शामिल हैं। इस व्यवस्था से कश्मीरी विस्थापितों और पीओजेके को सीधा प्रतिनिधित्व मिलेगा।
नई विधानसभा में सामान्य 90 विधायकों के अलावा पांच नामित विधायकों के साथ कुल 95 सदस्य होंगे। सरकार बनाने के लिए 48 सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा। यह व्यवस्था पांडीचेरी की तर्ज पर लागू की गई है, जहां चार नामित विधायक हैं। गृह मंत्रालय से सलाह के बाद उपराज्यपाल 8 अक्तूबर को इन विधायकों को नामित करेंगे। पूर्व एमएलसी गिरधारी लाल रैना का कहना है कि नामित विधायकों के माध्यम से कश्मीरी विस्थापितों के मुद्दे प्राथमिकता से हल होंगे। भाजपा के प्रवक्ता सुनील सेठी ने बताया कि नामित विधायकों को सामान्य विधायकों की तरह सभी अधिकार होंगे, और चुनाव परिणामों के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी।