Navratri 2024: नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा: मां कालरात्रि का महत्व

3 अक्तूबर 2024 से शुरू हुए शारदीय नवरात्रि का आयोजन 11 अक्तूबर 2024 को नवमी के दिन समाप्त होगा। इसके बाद 12 अक्तूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इस पर्व के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के सातवें दिन विशेष रूप से माता कालरात्रि की आराधना की जाती है, जिनकी पूजा से सभी बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्राप्त करने का मार्ग प्रदान करता है। कहा जाता है कि माता कालरात्रि का जन्म असुर रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा के तेज से हुआ था। उनका वाहन गधा है, और उनकी आराधना करने से साधकों को काल से रक्षा मिलती है।

मां कालरात्रि का मंत्र

भक्तों को मां कालरात्रि का मंत्र स्मरण करना चाहिए:

ॐ कालरात्र्यै नम:।

माता कालरात्रि का एक प्रसिद्ध मंत्र है

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता,
लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा,
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

कालरात्रि की आरती

भक्तों के लिए मां कालरात्रि की आरती का पाठ करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है। आरती में कहा गया है कालरात्रि जय-जय-महाकाली,
काल के मुंह से बचाने वाली।
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा,
महाचंडी तेरा अवतार॥

आराधना का महत्व

मां कालरात्रि की पूजा करते समय भक्तों को श्रद्धा और भक्ति से काम लेना चाहिए। यह विश्वास किया जाता है कि जो साधक सच्चे मन से मां की आराधना करता है, माता उसकी सभी समस्याओं का समाधान करती हैं। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, भक्तजन कालरात्रि माता की पूजा कर अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।


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