MSME आधारित टेंडर नीति: अनुभव और टर्नओवर छूट ग्रेटर नोएडा के विकास के लिए नई समस्या, बिगड़ रहा बुनियादी ढांचा

जगह जगह कूड़े के ढेर, सीवर का पानी सड़क पर और पानी की लाइन फटी देखीं जा सकती है।

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जल, स्वस्थ एवं सीवर विभाग में MSME के आधार पर टेंडर आवंटन के फैसले ने शहर के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अनुभव और टर्नओवर की शर्तों को हटाकर दिए गए टेंडर अब शहर में गंभीर समस्याओं का कारण बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि इस नीति से शहर की आधारभूत सेवाओं की दीर्घकालिक सुरक्षा और विश्वसनीयता दांव पर लग चुकी है। आये दिन शहर में जगह जगह समस्या होती रहती है। बिना अनुभव वाली ये कंपनियों शहर की समस्या को संभाल नहीं पा रही है।

भविष्य में आने वाले बड़े संकट

जल और सीवर प्रणाली का ढहना: अनुभवहीन कंपनियों को इन नाजुक परियोजनाओं की जिम्मेदारी सौंपने से इनका विफल होना लगभग तय है। सीवर लाइनें और जल निकासी सिस्टम का ठीक से निर्माण न होने से शहर में बार-बार जलभराव, सीवर ओवरफ्लो, और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जैसे मुद्दे पैदा हो सकते हैं। ये समस्याएं भविष्य में बड़े पैमाने पर महंगे सुधार और पुनर्निर्माण कार्यों की आवश्यकता को जन्म देंगी। अभी भी या समस्या लगातार बनी हुई है।

चूंकि इन MSME कंपनियों के पास तकनीकी अनुभव की कमी है, जल और सीवर जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ियां आने की संभावना काफी बढ़ गई है। यह अनुमान है कि जिन संरचनाओं का जीवनकाल सामान्यतः 25 से 30 साल होता है, वे पहले 10-15 वर्षों में ही विफल हो सकती हैं। ऐसी स्थितियों में भविष्य में बार-बार रेनोवेशन की आवश्यकता पड़ेगी, जिससे वित्तीय बोझ बढ़ेगा।

अगर कार्यों की गुणवत्ता में गंभीर खामियां पाई जाती हैं, तो निविदाएं रद्द करने या कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने जैसी कार्रवाईयां आवश्यक होंगी, जिससे लंबी कानूनी लड़ाई छिड़ने की संभावना है। इससे परियोजनाएं अधर में लटक सकती हैं और जनहित कार्यों में भी अड़चनें पैदा हो सकती हैं।

MSME आधारित टेंडर प्रक्रिया ने शहर की बुनियादी सेवाओं के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। अनुभव और टर्नओवर की छूट देकर, प्राधिकरण ने उन खामियों को अनदेखा कर दिया है, जो शहर के बुनियादी ढांचे की दीर्घकालिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में इस नीति पर पुनर्विचार आवश्यक है ताकि शहर के नागरिकों अच्छी बुनियादी सेवाएं दी जा सके। जगह जगह कूड़े के ढेर, सीवर का पानी सड़क पर और पानी की लाइन फटी देखीं जा सकती है।

 

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