Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण की alarming स्थिति, एक्यूआई 334 पर पहुंचा, ग्रैप-1 लागू

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे राजधानी की हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में चली गई है। शनिवार को अक्षरधाम और आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 334 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को एक्यूआई 293 दर्ज किया गया था, जिसे ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया है।

यही नहीं, यमुना नदी में भी जहरीली झाग देखी गई है। कालिंदी कुंज में यमुना के पानी पर झाग की परत ने चिंता को और बढ़ा दिया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-1 के दिशा-निर्देशों के तहत धूल के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी की ओर बढ़ रही है। शनिवार को सुबह के समय अक्षरधाम में एक्यूआई 334 और इंडिया गेट के आसपास 251 के स्तर पर रहा। अन्य क्षेत्रों में जैसे आईटीओ में 226 और भीकाजी कामा प्लेस में 273 का आंकड़ा दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, लंबे समय तक इस स्तर पर रहने से लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

ग्रैप-1 के तहत उठाए गए कदम

दिल्ली सरकार ने मंगलवार से ग्रैप-1 को लागू किया है, जिसके तहत धूल नियंत्रण के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी। इसके साथ ही, 200 एंटी-स्मॉग गन, 30 म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की गन, और 80 दिल्ली मेट्रो की गन का उपयोग किया जाएगा। यातायात प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

ग्रैप का कार्यान्वयन

ग्रैप, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तैयार किया गया था, दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरणों के अनुसार काम करता है। वर्तमान में ग्रैप का चरण-1 लागू है, जो तब लागू होता है जब एक्यूआई 201-300 के बीच होता है।

ग्रैप का चरण-2 तब लागू होता है जब एक्यूआई 301-400 तक पहुंचता है, जबकि चरण-3 गंभीर श्रेणी (401-450) के लिए और चरण-4 गंभीर + श्रेणी (450 से ऊपर) के लिए है।

ग्रैप की प्रभावशीलता

वायु प्रदूषण के स्तर में अचानक वृद्धि से निपटने के लिए ग्रैप तैयार किया गया था। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 2023 में औसत दैनिक एक्यूआई 2018 के बाद से सबसे अच्छा रहा है, और चार महीने (मार्च, अप्रैल, जून, और जुलाई) में सबसे अच्छे दैनिक औसत दर्ज किए गए।

Related posts

Leave a Comment