राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 20 साल से बंद पड़े डीसीएम परिसर में एक हजार से अधिक पेड़ों के काटे जाने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। पर्यावरणविद विक्रम तोगड़ की याचिका को स्वीकार करते हुए एनजीटी ने इस मामले में सुनवाई की। गत 14 अक्तूबर को हुई सुनवाई में बताया गया कि न तो पेड़ काटने वालों पर कोई कार्रवाई की गई है, और न ही एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने के नियम का पालन किया गया है।
यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) को भी मामले में पक्षकार बनाने की मांग की गई है। डीसीएम को 20 साल पहले सूरजपुर क्षेत्र में भूखंड आवंटित किया गया था, जहां पर पहले लगभग 50 हजार पेड़ थे। लेकिन जून 2024 में एक हजार पेड़ों का कटान कर दिया गया।पर्यावरणविदों ने यह भी बताया कि परिसर में लगे गेट की चोरी ने अन्य पेड़ों को भी खतरे में डाल दिया है। एनजीटी ने सभी तथ्य सुनने के बाद अगली सुनवाई 3 फरवरी 2025 को तय की है।