नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की दिशा में है, अप्रैल 2025 से व्यावसायिक उड़ानों के लिए तैयार हो जाएगा। एयरपोर्ट के संचालन को आईजीआई दिल्ली एयरपोर्ट से स्वतंत्र रखा जाएगा, जिससे दोनों हवाई अड्डे अपनी-अपनी एयर रूट पर स्वतंत्र रूप से काम कर सकें। पहले दिन कुल 30 उड़ानें, जिसमें 25 घरेलू, तीन अंतरराष्ट्रीय और दो कार्गो उड़ानें शामिल होंगी, संचालित की जाएंगी।
उड़ानों के रूट का निर्धारण नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और अंतरराष्ट्रीय रूट का निर्धारण इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा। श्नाइडर इलेक्ट्रिक को एयरपोर्ट के विद्युत प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
यात्रियों को एक अत्याधुनिक डिजिटल अनुभव प्रदान किया जाएगा, जिसमें सेल्फ-बैग ड्रॉप और सेल्फ-बोर्डिंग की सुविधाएं शामिल होंगी। रनवे का ट्रायल 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच होगा, और सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद, एयरपोर्ट को 17 अप्रैल 2025 तक व्यावसायिक उड़ानों के लिए तैयार किया जाएगा।
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