विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारतीय बच्चों के आहार की पौष्टिकता को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 6-23 महीने के 77 प्रतिशत बच्चों को आवश्यक पोषण नहीं मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी माता-पिता को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे को संतुलित और पौष्टिक आहार मिले, जिसमें दूध, अंडे, फलियां, फल और सब्जियां शामिल हों।
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे क्षेत्रों में पोषण की कमी सबसे अधिक देखी जा रही है। नवजात बच्चों के लिए मां का दूध अत्यंत आवश्यक है, लेकिन अधिकांश नवजात इसे नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पोषक तत्वों की कमी से बच्चों में एनीमिया और विकासात्मक समस्याएं हो सकती हैं। भविष्य में स्वस्थ जीवन के लिए बच्चों को उचित पोषण मिलना अत्यावश्यक है। सभी stakeholders को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।
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