अल्जाइमर रोग वैश्विक स्तर पर एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिससे 55 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हैं। पुणे स्थित आघारकर अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस रोग के उपचार के लिए नए अणुओं का विकास किया है। वैज्ञानिक प्रसाद कुलकर्णी और विनोद उगले ने सिंथेटिक और कम्प्यूटेशनल अध्ययन के माध्यम से ये नॉन टॉक्सिक मॉलिक्यूल्स तैयार किए हैं। ये अणु कोलिनेस्टरेज एंजाइमों के विरुद्ध प्रभावी हैं, जो एसिटाइलकोलाइन की उपलब्धता बढ़ाते हैं। यह रसायन याददाश्त को सुधारने में सहायक होता है और इसका उपयोग अल्जाइमर और पार्किंसंस रोगों के इलाज में किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज अल्जाइमर रोग के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। इसके परिणाम यदि सकारात्मक रहते हैं, तो भविष्य में इस न्यूरोलॉजिकल समस्या के इलाज में काफी आसानी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि नियमित व्यायाम, सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी और सही जीवनशैली से इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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