दिवाली, रोशनी और उत्साह का पर्व, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस उत्सव का आनंद मिठाइयों और पटाखों के बिना अधूरा लगता है, लेकिन हमें अपनी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पटाखों के धुएं से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है, जबकि मिठाइयों से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है।
पटाखों से चोटों का खतरा
हर साल दिवाली पर पटाखों से जलने और चोट लगने के कई मामले सामने आते हैं। पुणे के एक निजी अस्पताल के कंसल्टिंग फिजिशियन, डॉ. मानिक अग्रवाल के अनुसार, दिवाली के बाद ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि अगर जलने या चोट लगने की स्थिति गंभीर है, खासकर आंखों या चेहरे पर, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हल्की चोटों का उपचार
यदि पटाखों से जलने की स्थिति बनती है, तो जले हुए हिस्से को ठंडे पानी में 10-15 मिनट तक रखना चाहिए। इससे जलन कम होती है और सूजन को बढ़ने से रोका जा सकता है। जले हुए स्थान को साफ कपड़े से ढकने की सलाह दी जाती है ताकि वहां धूल और गंदगी न लगे।
त्वचा की देखभाल
जले हुए स्थान पर मॉइस्चराइजिंग लोशन लगाने से त्वचा को सूखने से बचाया जा सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई क्रीम या लोशन का उपयोग न करें। इसके अलावा, एलोवेरा का जेल भी जलन को कम करने में सहायक हो सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
सुरक्षा उपाय
डॉक्टर ने कहा कि पटाखों का उपयोग करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि आंखों को भी गंभीर नुकसान हो सकता है। लापरवाही से कई बार आंखों की रोशनी भी जा सकती है। घरेलू उपाय केवल हल्की चोटों के लिए हैं; गंभीर चोटों की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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