दुनियाभर में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिसमें हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। 2021 में टीबी से 1.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई। भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है और हाल के वर्षों में इसके लिए उठाए गए कदमों की वजह से सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। भारत में टीबी का संक्रमण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है, जो वायुजनित ड्रॉपलेट्स से फैलता है। प्रारंभिक अवस्था में अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, खांसी, बुखार, और रात में पसीना आने जैसे लक्षण सामने आते हैं।
2015 के बाद से टीबी के मामलों में भारत ने उल्लेखनीय कमी की है। जहां 2015 में प्रति लाख आबादी पर 237 मामले थे, वहीं 2023 तक यह संख्या घटकर 195 हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है और इसे टीबी के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में एक नायक बताया है। भारत की इस प्रगति से अन्य देशों को भी सीखने की आवश्यकता है।
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