ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा आश्वासन देकर बार-बार धरने समाप्त कराए जाने के बाद, इस बार किसानों ने तय कर लिया है कि बिना ठोस निर्णय के वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उनकी प्रमुख मांगों के समर्थन में दस से अधिक किसान संगठन एकजुट हो गए हैं और संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 25 नवंबर को प्राधिकरण पर महापंचायत का आयोजन होगा। पंचायत में अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गांव-गांव में संपर्क कर किसानों से वार्ता की जा रही है। किसानों का कहना है कि इस बार संघर्ष आर-पार की लड़ाई में बदल जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रवक्ता सुनील प्रधान ने बताया कि इस बार आंदोलन दो प्रमुख मांगों पर केंद्रित होगा। पहली मांग है कि जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ है, उन्हें दस प्रतिशत का विकसित भूखंड दिया जाए। दूसरी मांग है कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में आवश्यक बदलाव किए जाएं। महापंचायत के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी और मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन ने उस्मानपुर, मिलक और सक्का गांव में बैठकें आयोजित कीं, जहां बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। किसानों ने महापंचायत को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया है।
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