नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डर प्रोजेक्टों पर वायु प्रदूषण का सीधा असर दिख रहा है। ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के लागू होने से 100 से अधिक निर्माण परियोजनाओं पर काम बंद कर दिया गया है। स्थिति बिगड़ती देख श्रमिक अब अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं। बिल्डरों का कहना है कि यदि निर्माण कार्य 15 दिनों तक बंद रहा, तो परियोजनाओं के पूरा होने में दो महीने की देरी हो सकती है। इसका सीधा प्रभाव करीब एक लाख खरीदारों पर पड़ेगा। इस बीच, क्रेडाई एनसीआर ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर धूल रहित निर्माण कार्य की अनुमति मांगी है।
आयोग के नियमों को लेकर बिल्डरों में असमंजस है। बिल्डरों का दावा है कि शटरिंग जैसे प्रदूषण रहित कार्यों पर रोक का आदेश नहीं है, लेकिन स्थानीय प्राधिकरण और यूपीपीसीबी की टीमें सभी प्रकार के कार्य बंद करा रही हैं। बुधवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 304 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। क्रेडाई एनसीआर के संयुक्त सचिव निखिल हवेलिया ने मांग की है कि ऐसे निर्माण कार्यों की अनुमति दी जाए जो मिट्टी या धूल नहीं उड़ाते।
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