भ्रष्टाचार के आरोप: क्या रिटायर अधिकारियों से ही चलेगा प्राधिकरण, कार्य रिपोर्ट जीरो, जेब भरने में ना वन

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले कुछ समय से एक अजीब सी स्थिति बनी हुई है सरकारी सेवाओं से रिटायर अधिकारियों को प्राधिकरण में भर्ती किया जा रहा है जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं उन्हें ही बार-बार प्राधिकरण में रखा जा रहा है। जिन पर भ्रष्टाचार के आप हो ऐसे रिटायर अधिकारियों को प्राधिकरण में रखने की क्या मजबूरी है। किसान सालों से प्राधिकरण के बाहर बैठे हैं लेकिन उनके कोई भी कार्य प्राधिकरण में नहीं हो रहे हैं प्राधिकरण में सिर्फ और सिर्फ लूट मची हुई है भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है।

क्या रिटायर अधिकारियों से ही चलेगा प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में रिटायर हो चुके अधिकारी कर्मचारियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और इनमें से ज्यादातर अधिकारी कर्मचारी सिर्फ भ्रष्टाचार के मौके ढूंढ रहे हैं। उन्हें यहां के विकास और प्राधिकरण की छवि को बनाए रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है ना ही प्राधिकरण के प्रति उनकी कोई जवाबदेही है। लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार के आरोपियों को बार-बार प्राधिकरण में रखा जा रहा है नाम मात्र के एक या दो रिटायर अधिकारी है जो जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रहे हैं और अपनी पूरी भूमिका निभा रहे हैं।

भूमि और प्रोजेक्ट विभाग के रिटायर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का भूमि विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है इसी विभाग के कारण सालों से किसान प्राधिकरण के बाहर बैठे हैं अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और प्राधिकरण के आए दिन चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनके कोई भी काम नहीं हो रहे हैं कार्य न होने का मुख्य कारण भी रिटायर अधिकारियों की भूमि विभाग में तैनाती है रिटायर अधिकारियों को जब से रखा गया है। उनकी प्रगति रिपोर्ट देखनी चाहिए कि इन्होंने प्राधिकरण के हित के लिए क्या कार्य किए हैं और अपने हित के लिए किन-किन कार्यों को यह अंजाम दे चुके हैं। एक भूमि परामर्शदाता पर कोर्ट के द्वारा भी आरोप लगे हैं।

पिछले दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों में ही प्रोजेक्ट विभाग से कुछ रिटायर अधिकारियों को हटाया गया था। जिनको साइन करने का अधिकार दे दिया गया था उनसे भी शाइनिंग का अधिकार छिन गया। क्योंकि यह लोग अपनी जेब भरने में लग गए थे, इन्हें सलाहकार के रूप में रखा गया था लेकिन यह लोग सीनियर अधिकारी बन बैठे और प्राधिकरण के अधिकारी कर्मचारियों को धमकाने डरने लगे।

शासन से क्यों नहीं मांगे जाते हैं अधिकारी और कर्मचारी, जो अधिकारी शासन से आएंगे या प्राधिकरण में नियमित तौर पर कार्य करेंगे, उनकी प्राधिकरण के प्रति जिम्मेदारी तय होगी। उनके ऊपर प्राधिकरण कार्रवाई भी कर सकता है। लेकिन रिटायर अधिकारी कर्मचारी सिर्फ भ्रष्टाचार को अंजाम देकर के निकल जाते हैं।


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