UPSIDA के औद्योगिक सेक्टरों के प्लॉटों पर किसके संरक्षण में चल रही है दुकाने? तीन मौतों के बाद भी नहीं खुली आँख

  • औद्योगिक प्लॉटों को कमर्शियल काम के लिए किराए पर देकर वसूला जा रहा है लाखों रुपए महीना किराया।
  • आग लगने की घटना से हुई तीन लोगो की मौत

ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार

उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPSIDA) का गठन प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्या गया था UPSIDA के जन्म का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ औद्योगिक विकास करना ही है प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक प्लॉट उद्यमियों को सस्ती दर पर अलॉट किए जाते हैं जिससे कि वह आसानी से अपना उद्योग चला सके और उनको उद्योग के लिए सारी शुभम व्यवस्था करना उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी का काम है जिसके लिए उद्योगों से मेंटेनेंस शुल्क भी वसूला जाता है प्राधिकरण के अनुसार औद्योगिक प्लॉट पर सिर्फ औद्योगिक काम ही किया जा सकता है कोई दूसरा काम नहीं। लेकिन साईट 4 औद्योगिक सेक्टर में 80% से ज़्यादा औद्योगिक प्लॉट पर कमर्शियल कार्य किए जा रहे है।

प्राधिकरण द्वारा अलॉट औद्योगिक प्लॉटों पर खुल रही है दुकाने

उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPSIDA) द्वारा ग्रेटर नोएडा के साइट 5 और साइट 4 में जो प्लॉट उद्योग लगाने के लिए अलॉट किए गए थे उन पर कमर्शियल गतिविधियां की जा रही है। जैसे बड़े-बड़े रिटेल स्टोर (Retail Store), शोरूम (Showroom), सर्विस सेंटर, फर्नीचर शोरूम आदि, जबकि प्राधिकरण के नियम अनुसार औद्योगिक प्लॉट (Idustrial Plot) पर कमर्शियल गतिविधि (Commercial Work) करना अवैध है।

किसके संरक्षण में हो रही है कमर्शियल गतिविधियां?

ग्रेटर नोएडा में तैनात UPSIDA के अधिकारियों को पूरी जानकारी है इस अवैध कार्य की, उन्हें हर प्लॉट की जानकारी है किस पर क्या कार्य हो रहा है उसके बावजूद भी यह अधिकारी इस अवैध कार्य पर कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्यों? क्या अधिकारियों को इनसे कोई लालच है, कहीं ऐसा तो नहीं कि इन्हीं के संरक्षण में यह सब कमर्शियल गतिविधियां हो रही है।

सरकार द्वारा उद्योग लगाने के लिए किए गए थे सस्ती दरों पर प्लॉट

ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर साइट- 5 और साइट- 4 में औद्योगिक प्लॉट बहुत सस्ती दरों पर उद्यमियों को अलॉट किए गए थे जिनमें उद्योग लगाने थे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना था इससे सरकार को भी आमदनी होती और क्षेत्र का भी होता, जिन औद्योगिक प्लॉटों के सरकारी 10 से 12 हजार रुपए मीटर रेट पर दिया था। वह आज 1 लाख रुपए मीटर से ज्यादा रेट पर बेचे जा रहे हैं ऐसा क्यों? उनके रेटओं का बढ़ने का साफ कारण है कि वहां पर कमर्शियल गतिविधियां की जा रही है किराए पर दे कर के लाखों रुपए महीना आमदनी हो रही है।

औद्योगिक प्लॉटों का समय समय पर निरीक्षण होना चाहिए। जो जगह नियम अनुसार ख़ाली रखनी होती है वह ख़ाली होनी चाहिए,  औद्योगिक प्लॉटों पर कमर्शियल कार्य बंद होने चाहिए।

उत्तर प्रदेश स्टेट औद्योगिक डेवेलपमेंट प्राधिकरण (UPSIDA) अपने उद्देश्य से भटक रहा है अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए प्राधिकरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं प्राधिकरण के नियमों का पालन नहीं करा रहे हैं। हाल ही में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर साईट 4 में एक आग लगने की घटना हुई जिसमें तीन लोगो की जान चली गई इन प्लॉटों पर अवैध तरीक़े से कार्य किए जा रहे हैं और प्राधिकरण कुंभकरण की नींद सो रहा है UPSIDA के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इसका संज्ञान लेते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जिससे कि अवैध कार्य ना हो सके।


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