UP भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने अपनी नियमावली में पांचवां संशोधन करते हुए निरीक्षण और रिपोर्टिंग से जुड़े प्रावधानों में शुल्क जोड़ दिया है। अब खरीदारों को प्रोजेक्ट के स्थलीय निरीक्षण और फाइल निरीक्षण के लिए शुल्क अदा करना होगा। यह बदलाव 160वीं बैठक में तय किए गए और आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
स्थलीय निरीक्षण पर शुल्क
खरीदारों, बिल्डरों या रेरा के द्वारा मांगे गए प्रोजेक्ट के स्थलीय निरीक्षण के लिए अब फीस तय की गई है। लखनऊ या ग्रेटर नोएडा कार्यालय से 100 किमी तक के दायरे में निरीक्षण के लिए 2000 रुपये, 100 से 200 किमी के लिए 4000 रुपये और 200 किमी से अधिक दूरी के प्रोजेक्ट के लिए 7500 रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क पहले निशुल्क था, लेकिन अब इसे लागू कर दिया गया है।
फाइल निरीक्षण पर भी शुल्क लागू
फाइल निरीक्षण के लिए अब प्रति घंटे के हिसाब से शुल्क देना होगा। एक घंटे तक फाइल देखने के लिए 100 रुपये और एक घंटे से अधिक के लिए 200 रुपये प्रति घंटा निर्धारित किया गया है। पहले यह प्रक्रिया मुफ्त थी।
बिल्डरों पर बढ़ा जुर्माना
बिल्डरों पर तिमाही प्रोग्रेस रिपोर्ट न देने पर जुर्माना बढ़ाकर 15000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 10000 रुपये था। वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट न देने पर 25000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है। यूपी रेरा के सचिव प्रमोद कुमार उपाध्याय ने कहा कि नए नियमों का उद्देश्य प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। हालांकि, खरीदारों और बिल्डरों दोनों को अब अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।
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