Noida International Airport को एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनाने की योजना है, का विस्तार यात्रियों की संख्या के आधार पर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 1.2 करोड़ होगी, जिसके 80% उपयोग होने पर दूसरे चरण की शुरुआत होगी। यह प्रक्रिया चार चरणों में पूरी की जाएगी, जिसमें लगभग 25 वर्ष लगने की संभावना है। कुल निर्माण लागत 29,561 करोड़ रुपये अनुमानित है।
Noida International Airport को पहले चरण में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से एक रनवे और एमआरओ सुविधाएं तैयार की जाएंगी। अप्रैल 2024 तक वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने की संभावना है। यात्री संख्या बढ़ने के साथ एयरपोर्ट में रनवे की संख्या बढ़ाकर 6 और कार्गो क्षमता 11 मिलियन मैट्रिक टन तक की जाएगी।
भारतीय वायुसेना ने एयरपोर्ट पर अपना कार्गो हब स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके लिए एयरफोर्स ने कार्गो टर्मिनल में 3,000 वर्गफीट जगह मांगी है, जिसे सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। दिल्ली एयरपोर्ट पर कार्गो दबाव कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। Noida International Airport की बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाओं को देखते हुए वायुसेना यहां से संचालन करेगी।
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