ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो प्राधिकरण) ने अपने आर्थिक प्रबंधन में बड़ी सफलता हासिल की है। एक दशक पहले जहां प्राधिकरण 7200 करोड़ रुपये के कर्ज तले दबा था, वहीं अब उसने न केवल बैंकों से लिया गया पूरा कर्ज तय समय से पहले चुका दिया है, बल्कि अपनी आय और खर्चों में संतुलन बनाकर आगे बढ़ रहा है।
कर्ज से उबरने की योजना
वर्ष 2017 से 2020 के बीच ग्रेनो प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण और ढांचागत सुविधाओं के लिए पांच बैंकों से 2500 करोड़ रुपये का ऋण लिया। इनमें यूबीआई, एचडीएफसी और बैंक ऑफ महाराष्ट्रा जैसे बड़े बैंक शामिल थे। लेकिन अब प्राधिकरण ने इन सभी ऋणों का समय से पहले भुगतान कर दिया है।
फिक्स डिपॉजिट का सहारा
ग्रेनो प्राधिकरण ने अपनी आय को फिक्स डिपॉजिट में निवेश कर उससे मिलने वाले ब्याज का उपयोग खर्चों के लिए किया। ग्रामीण विकास, गोशाला संचालन और कर्मचारियों के वेतन के लिए अलग-अलग मदों में राशि फिक्स डिपॉजिट की गई।
भविष्य की दिशा
हालांकि, ग्रेनो प्राधिकरण पर अभी भी नोएडा और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से लिया गया 4000 करोड़ रुपये का ऋण शेष है। लेकिन, समय पर ऋण चुकाने और खर्चों में अनुशासन की नीति ने प्राधिकरण को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया है।
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