Supreme Court ने बुधवार को राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना को उनके पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति कानून के अनुरूप नहीं की गई थी। अदालत ने डॉ. खुराना को एक सप्ताह के भीतर पद छोड़ने का आदेश दिया, हालांकि उन्हें अपना काम पूरा करने की अनुमति दी गई, लेकिन वित्तीय मामलों से जुड़े किसी भी नीतिगत निर्णय में भाग लेने से रोक दिया गया है।
Supreme Court ने इस वजह से डॉ. अनिल खुराना को दिया इस्तीफे का आदेश
अदालत ने यह आदेश डॉ. अमरागौड़ा एल. पाटिल द्वारा दायर याचिका पर दिया, जिसमें डॉ. खुराना की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि डॉ. खुराना के पास राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 की धारा 4(2) और 19 के तहत आवश्यक अनुभव नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति जताई और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में कानूनी मानकों का पालन नहीं किया गया। Supreme Court ने सरकार को नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए शीघ्र प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
कोर्ट के इस फैसले पर सरकाक जल्द ले सकती है एक्शन
इस फैसले से होम्योपैथी क्षेत्र में प्रशासनिक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। Supreme Court के इस आदेश के बाद सरकार पर जल्द से जल्द योग्य उम्मीदवार की नियुक्ति का दबाव बढ़ गया है। इससे पहले भी सरकारी नियुक्तियों में योग्यता और पारदर्शिता को लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और होम्योपैथी क्षेत्र में नेतृत्व परिवर्तन कैसे आगे बढ़ता है।
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