Greater Noida की तेजी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने वर्ष 2041 तक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली है। मास्टर प्लान-2041 के अनुसार, वर्तमान में लगभग 20 लाख की आबादी वाले शहर की जनसंख्या अगले डेढ़ दशक में 40 लाख तक पहुंच सकती है। इसी के मद्देनजर पेयजल, बिजली, सड़क, सीवेज, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को चार से पांच गुना तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के 2025 में शुरू होने से इस क्षेत्र में बस्तियों और व्यवसायिक गतिविधियों में भारी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे ग्रेटर नोएडा को विशेष लाभ मिल सकता है।
Greater Noida में बढ़ती आबादी बनी मुसीबत
शहर में बढ़ती आबादी के साथ कचरा निस्तारण की चुनौती भी बढ़ेगी। वर्तमान में अस्तौली गांव में 350 टीडीपी कचरा निस्तारण की व्यवस्था है, लेकिन 2041 तक शहर में प्रतिदिन 2000 टन कचरा उत्पन्न होने का अनुमान है। इसे देखते हुए 1650 टीडीपी अतिरिक्त कचरा निस्तारण की क्षमता विकसित करने के लिए प्राधिकरण ने जमीन चिन्हित करना शुरू कर दिया है। इसी तरह, जलापूर्ति को भी दोगुना करने की योजना बनाई जा रही है। वर्तमान में Greater Noida में 326 एमएलडी पानी की उपलब्धता है, लेकिन भविष्य में 40 लाख की आबादी के लिए 690 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। इसके लिए गंगाजल पाइपलाइन और अन्य जल स्रोतों पर काम किया जा रहा है।
सीवेज ट्रीटमेंट से होगा शहर का विकास
शहर के मास्टर प्लान में सीवेज ट्रीटमेंट को भी प्राथमिकता दी गई है। वर्तमान में 174 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता है, लेकिन 2041 तक 552.16 एमएलडी सीवेज उत्पन्न होने का अनुमान है। इसे देखते हुए 378 एमएलडी अतिरिक्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, शहर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए अधोसंरचना को अपग्रेड करने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी लक्ष्मी वीएस ने कहा कि “2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए संसाधनों को सुदृढ़ करने की कार्ययोजना पर अमल शुरू हो चुका है, जिससे Greater Noida को एक विकसित और सुविधाजनक शहर बनाया जा सके।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.