Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में वर्षो पहले स्मार्ट विलेज की श्रेणी के लिए कई गाँवो के नाम का चयन किया गया था। मगर सालों बीतने के बाद भी आज भी ग्रामीण केवल और केवल सपने देखने पर विवश है। नज़ारा कुछ ऐसा है जिसे देखकर आप भी इन तमाम Smart Village की नीव पर ही सवाल उठाने लगेंगे। ऐसी ही कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया गया है। जो ना सिर्फ ये ग्रेटर नोएडा के उन तमाम ग्रामीणो द्वारा देखे गए स्मार्ट विलेज के सपने पर सवाल उठाता है। बल्कि प्रशासन और प्राधिकरण पर भी गहरे सवाल खड़े करता है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला।
Greater Noida में इस कदर छाया घोटालों का बादल
दरअसल सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर इन दिनो ग्रेटर नोएडा के कुछ गाँवो की तस्वीर सामने आई है। बता दे कि ये तस्वीर उन गाँवो की है। जिसे सालों पहले प्रशासन और प्राधिकरण द्वारा Smart Village बनाने का सपना दिखाया गया था। मगर हकिकत के काले बादल इस कदर छाए है कि इसमे प्राधिकरण द्वारा दिखाए गए चमचमाती गलियां कही नज़र ही नही आ रही है। ग्रेटर नोएडा के इन स्मार्ट विलेज की स्थिती इस कदर बेहाल है कि नालों में गंदे पानी के साथ साथ, टूटी सड़के, कच्चे रास्ते और कच्ची नालियां प्रशासन और सरकार द्वारा किए गए घोटालो के सच को चीख चीख कर बया कर रही है। मगर मजाल है जो इस पर किसी की नज़र जाए।
Smart Village की आर में किए गए गाँव वालो से झूठे वादे?
जानकारी के लिए बता दे कि सालों पहले पास हुए स्कीम में ग्रेटर नोएडा के कुछ गाँवो को स्मार्ट विलेज बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। बता दे कि स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव में सादुल्लापुर, मायचा, लड़पुरा, घरबरा, सिरसा सहित अन्य गांव शामिल थे। मगर आज अगर इन गाँवो की जमीनी हकीक़त की बात करे तो नज़ारा कुछ और ही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर Greater Noida के इन तमाम Smart Village की श्रेणी में विकास के लिए आ रहे फंड किसकी जेब में जा रहे है। और हज़ारों लोगों के सपनों की कीमत से कौन अपने आलिशान महल को तैयार कर रहा है।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.