Sensex Nifty Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 800 अंक से अधिक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी50 में 240 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। यदि फरवरी में भी यह गिरावट जारी रहती है, तो यह पांचवां लगातार महीना होगा जब निफ्टी नुकसान में रहेगा। बात अगर गिरावट की करें तो इसका मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का बड़े पैमाने पर भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालना है, जो अक्टूबर 2024 से अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री कर चुके हैं। इसके अलावा, कमजोर होते रुपये और वैश्विक बाजारों में निवेश के अन्य बेहतर अवसरों ने भी भारतीय बाजार पर दबाव बनाया है। विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी 22,500-22,400 के स्तर तक गिर सकता है और यदि 22,850 के नीचे बना रहता है तो और गिरावट संभव है।
Sensex Nifty Stock Market: चीन के बाजार में तेजी से भारतीय बाजार पर असर
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे चीन के शेयर बाजार में आई तेजी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। अक्टूबर 2024 से अब तक भारतीय बाजार की मार्केट कैप में 1 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आई है, जबकि चीन के शेयर बाजार में 2 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। हांग सेंग इंडेक्स में एक महीने में 18.7% की तेजी आई है, जबकि निफ्टी में 1.55% की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, ‘सेल इंडिया, बाय चाइना’ ट्रेंड जारी रह सकता है, जिससे निकट भविष्य में भारतीय बाजार पर दबाव बना रहेगा। Sensex Nifty Stock Market में गिरावट के साथ साथ आईटी शेयरों में भी गिरावट देखी गई, क्योंकि अमेरिकी उपभोक्ता धारणा कमजोर होने और मुद्रास्फीति बढ़ने से निवेशक सतर्क हो गए हैं।
निवेशकों ने कही ये बात
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की इस अस्थिरता में खुदरा निवेशकों को उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और स्टैगर्ड तरीके से निवेश करना चाहिए। छोटे और मिड-कैप शेयरों में निवेश करने से बचने की सलाह दी गई है, खासकर उन कंपनियों में जिनका वार्षिक मुनाफा 100 करोड़ रुपये से कम है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह समय अच्छा अवसर प्रदान कर सकता है, क्योंकि कई बड़े कैप शेयरों का मूल्यांकन आकर्षक हो गया है। Sensex Nifty Stock Market के अलावा, कर-हानि कटौती यानि कि Tax Loss Harvesting रणनीति अपनाकर निवेशक अपने वित्तीय नुकसान को कम कर सकते हैं।
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