Lok Sabha: करीब एक महीने के अंतराल के बाद संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “पूरे देश में वोटर लिस्ट को लेकर संदेह जताया जा रहा है, और सभी विपक्षी दल इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमें लोकतंत्र की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इस विषय पर विस्तार से विचार-विमर्श करना चाहिए।”
Lok Sabha के बाद राज्यसभा सांसद ने भी उठाए
वहीं, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर चुनाव आयोग सरकार के पक्ष में कार्य करता रहा, तो यह लोकतंत्र के लिए घातक होगा। कई वर्षों से चुनावी प्रक्रिया को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।” इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत रॉय ने दावा किया कि मतदाता सूची में कई खामियां हैं, खासतौर पर पश्चिम बंगाल और हरियाणा में। उन्होंने कहा कि एक ही ईपीआईसी (चुनावी फोटो पहचान पत्र) संख्या वाले मतदाता अलग-अलग क्षेत्रों में दर्ज हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो रहा है।
चुनाव आयोग ने उठाए सवाल
टीएमसी ने Lok Sabha में उठे इस मुद्दे को लेकर नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात करने की घोषणा की और मतदाता सूची में व्यापक सुधार की मांग की, खासतौर पर पश्चिम बंगाल और असम में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले। सौगत रॉय ने कहा, “चुनाव आयोग को इस स्थिति पर देश को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। मतदाता सूची में सुधार आवश्यक है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सकें।” विपक्ष के इन आरोपों पर सत्ता पक्ष की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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