Unauthorized Hoardings: भारत में व्यक्ति पूजा और स्वयं के महिमामंडन की परंपरा अब गांवों तक फैल गई है। जन्मदिन, बधाई, आभार और शुभकामनाओं से जुड़े होर्डिंग्स और बैनर सार्वजनिक स्थलों पर धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं। प्रतिस्पर्धा के चलते लोग बड़े और अधिक संख्या में विज्ञापन लगाने की होड़ में हैं। यह चलन शहरों की सौंदर्यता को खराब करने के साथ-साथ सड़क हादसों और सार्वजनिक स्थानों की गंदगी का कारण भी बन रहा है। स्थानीय प्रशासन के नियमों के बावजूद, इन अनधिकृत विज्ञापनों पर शायद ही कभी कोई कार्रवाई होती है।
Unauthorized Hoardings: होर्डिंग्स से बढ़ता प्रदूषण
इन होर्डिंग्स के निर्माण में पीवीसी (PVC) और सिंथेटिक पॉलीमर जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो जलने पर वातावरण में जहरीले डाइऑक्सिन और अन्य हानिकारक रसायनों को छोड़ती है। दशहरे जैसे त्योहारों पर रावण दहन में इन बैनरों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, जिससे वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है। पीवीसी 40% तक डाइऑक्सिन प्रदूषण के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
समाधान और आवश्यक कदम
सरकार को Unauthorized Hoardings पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और इनके प्रदर्शन पर टैक्स या पेनल्टी लगानी चाहिए। अगर इनका निष्पादन सही ढंग से न किया जाए, तो यह कचरा डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचकर मीथेन जैसी जहरीली गैसों के उत्सर्जन में सहायक बन सकता है। बधाई और प्रचार के नए डिजिटल माध्यमों को अपनाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है। पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए इन होर्डिंग्स पर तत्काल नियंत्रण आवश्यक है।
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