Greater Noida: बिना भूमि अधिग्रहण किए पतवाड़ी गांव में 9600 वर्गमीटर भूखंड आवंटित करने और लीज डीड (Lease Dead) कराने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति शासन से की है। इस गंभीर लापरवाही पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। Greater Noida Authority के जिन अधिकारियों पर निलंबन की संस्तुति हुई है, उनमें विशेष कार्याधिकारी आरके देव, तहसीलदार, वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण सलोनिया, प्रबंधक कमलेश कुमार चौधरी उर्फ डॉ. केडी मणी और लेखपाल श्रीपाल का नाम शामिल है। इनमें से कुछ अधिकारी वर्तमान में अन्य पदों पर तैनात हैं।
Greater Noida: लीज डीड घोटाला: न्यायालय ने लिया संज्ञान
पतवाड़ी गांव में वर्ष 2008 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन जिस भूखंड का आवंटन हुआ, वह प्राधिकरण के पास उपलब्ध ही नहीं था। इसके बावजूद पांच आवंटियों को 9600 वर्गमीटर जमीन का आवंटन कर दिया गया, जबकि मौके पर केवल 1600 वर्गमीटर भूमि अधिग्रहित थी। इस Lease Dead घोटाले का खुलासा तब हुआ जब आवंटियों ने कब्जा लेने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पता चला कि आवंटित भूखंड Greater Noida Authority के स्वामित्व में नहीं है। इससे असंतुष्ट आवंटियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने जांच करवाई और अधिकारियों की जवाबदेही तय की।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लंबित भूमि विवाद
यह अकेला मामला नहीं है, Greater Noida प्राधिकरण में बिना भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में अनियमितताएं सामने आई हैं। पूर्व में भी उच्च न्यायालय ने 589 हेक्टेयर भूमि से जुड़े मामले में आदेश दिया था, लेकिन अभी तक पूरी तरह से कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा, 22 साल पहले हुए एक अन्य भूमि घोटाले में दो अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। इस तरह के मामलों में लापरवाही और अनियमितताओं के कारण शासन पर दबाव बढ़ रहा है कि Greater Noida Authority के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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