Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने के लिए बहुप्रतीक्षित इंटरचेंज परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है। योगी कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस इंटरचेंज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के जिम्मे सौंपा गया है। अनुमान है कि यह परियोजना अगले एक वर्ष में पूरी हो जाएगी और इस पर करीब 270 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। गौरतलब है कि इस योजना की तैयारी वर्ष 2019 से चल रही थी, लेकिन अब जाकर इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
Yamuna Expressway: YEIDA के सीईओ ने कही ये बात
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि यह इंटरचेंज यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट से 10 किलोमीटर दूर जगनपुर-अपजलपुर के पास बनेगा। इसके लिए 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। इस इंटरचेंज में आठ लूप बनाए जाएंगे, जिनमें से चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए होंगे। कुल मिलाकर यह लूप लगभग 11 किलोमीटर लंबे होंगे, जिससे दोनों एक्सप्रेसवे का सीधा और सुगम जुड़ाव सुनिश्चित होगा।
इस इंटरचेंज के बनने से होगा ये फायदा
बता दे कि Yamuna Expressway पर इस इंटरचेंज के बन जाने से मेरठ, गाजियाबाद, और हापुड़ जैसे क्षेत्रों के यात्रियों को अब ग्रेटर नोएडा के परी चौक तक नहीं जाना पड़ेगा। इससे सफर के दौरान लगने वाले जाम से निजात मिलेगी और यात्रा सुगम होगी। साथ ही मथुरा और आगरा की ओर से आने वाले यात्रियों को भी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी। यह परियोजना न केवल ट्रैफिक दबाव को कम करेगी, बल्कि यात्रा को समय और ईंधन की बचत के साथ आसान बनाएगी।
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