Greater Noida: दिल्ली-एनसीआर के तेजी से विकसित हो रहे शहर ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट सेक्टर में एक नया विवाद सामने आया है। कई बिल्डरों पर आरोप है कि वे मुनाफे की लालच में मंजूरी से अधिक ओपन पार्किंग स्पेस बेच रहे हैं, जिसके चलते हाउसिंग सोसाइटी में गेस्ट और विजिटर पार्किंग की भारी कमी हो गई है। यह मुद्दा न केवल निवासियों के लिए असुविधा का कारण बन रहा है, बल्कि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) के नियमों के उल्लंघन का भी गंभीर मामला है।
क्या है पूरा मामला?
बता दे कि Greater Noida में पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आई है। लेकिन इस उछाल के बीच कुछ बिल्डरों की अनैतिक प्रथाएं भी सामने आ रही हैं। निवासियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के अनुसार, कई बिल्डरों ने ओपन पार्किंग स्पेस को मंजूरी से अधिक बेच दिया है, जो रेरा नियमों के तहत कॉमन एरिया का हिस्सा माना जाता है।
रेरा के नियमों के अनुसार, ओपन पार्किंग स्पेस को अलग से बेचना गैरकानूनी है, क्योंकि यह सोसाइटी के सभी निवासियों के लिए साझा सुविधा होती है। सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी अपने फैसलों में स्पष्ट किया है कि ओपन और स्टिल्ट पार्किंग क्षेत्र कॉमन एरिया हैं और इन्हें फ्लैट के साथ या अलग से नहीं बेचा जा सकता। फिर भी, बिल्डर मुनाफे के लिए इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
Greater Noida: जाने क्या है निवासियों की परेशानी
ग्रेटर नोएडा की कई प्रमुख सोसाइटीज के निवासियों ने पार्किंग की कमी को लेकर शिकायतें दर्ज की हैं। नोएडा की सोसाइटी में हाल ही में पार्किंग की समस्या को लेकर निवासियों ने NBCC के खिलाफ प्रदर्शन किया था। निवासियों का कहना था कि फ्लैट खरीदते समय उन्हें पार्किंग की गारंटी दी गई थी, लेकिन अब गाड़ियां खड़ी करने के लिए जगह नहीं है।
निवासियों का कहना है कि गेस्ट और विजिटर पार्किंग की कमी के कारण मेहमानों को अपनी गाड़ियां सोसाइटी के बाहर सड़क पर या असुरक्षित जगहों पर खड़ी करनी पड़ती हैं। इससे न केवल असुविधा होती है, बल्कि चोरी और वाहन क्षति का खतरा भी बढ़ जाता है। Greater Noida के एक निवासी, संजय कुमार, ने बताया, “हमने सोसाइटी में फ्लैट इसलिए खरीदा था कि हमें सभी सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन अब गेस्ट पार्किंग के नाम पर कुछ नहीं है। बिल्डर ने सारी ओपन पार्किंग बेच दी।”
RERA नियमों का उल्लंघन
रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 (रेरा) के तहत, ओपन पार्किंग स्पेस को कॉमन एरिया माना जाता है, जो सोसाइटी के सभी निवासियों के उपयोग के लिए होता है। इसे बेचने की अनुमति नहीं है। महाराष्ट्र रेरा (महा रेरा) के FAQ 9 में स्पष्ट कहा गया है कि ओपन पार्किंग का आवंटन या बिक्री गैरकानूनी है। इसके बावजूद, ग्रेटर नोएडा में बिल्डर इस नियम की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं।
Greater Noida प्राधिकरण और सरकार की भूमिका
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) पर इस मुद्दे को सख्ती से लागू करने का दबाव बढ़ रहा है। निवासियों ने मांग की है कि प्राधिकरण बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करे और ओपन पार्किंग की बिक्री पर रोक लगाए। साथ ही, सोसाइटी में गेस्ट और विजिटर पार्किंग के लिए न्यूनतम स्थान सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए जाएं।
हालांकि, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाल के वर्षों में कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं, जैसे कि फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बढ़ाकर सोसाइटी में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान करना। लेकिन पार्किंग के मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस नीति लागू नहीं की गई है।
निवासियों की मांग और संभावित समाधान
1. RERA नियमों का सख्ती से पालन: ओपन पार्किंग की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
2. गेस्ट पार्किंग की अनिवार्यता: हर सोसाइटी में गेस्ट और विजिटर पार्किंग के लिए न्यूनतम स्थान निर्धारित किया जाए।
3. बिल्डरों पर कार्रवाई: नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो।
4. पारदर्शिता: सोसाइटी के कॉमन एरिया और पार्किंग स्पेस की जानकारी फ्लैट खरीदने से पहले दी जाए।
ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों द्वारा ओपन पार्किंग की अवैध बिक्री न केवल Greater Noida के निवासियों के लिए असुविधा का कारण बन रही है, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रही है। यह समय है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपी रेरा (RERA) इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाएं और निवासियों को उनका हक दिलाएं। अगर यह समस्या अनसुलझी रही, तो ग्रेटर नोएडा जैसे उभरते शहर की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, जो निवेशकों और नए खरीदारों के लिए एक बड़ा झटका होगा।
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