UP RERA: उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने गैर पंजीकृत प्रोजेक्टों में फंसे खरीदारों को राहत देने के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) लागू कर दी है। यह एसओपी लंबित और भविष्य में आने वाली शिकायतों पर प्रभावी होगी। इसके तहत यूपी रेरा की पीठ, विधि और तकनीकी सलाहकारों की रिपोर्ट के आधार पर खरीदारों को उनका जमा धन वापस दिलाएगी।
बता दें, जिन प्रोजेक्टों का क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से अधिक है या जिनमें आठ से ज्यादा फ्लैट हैं, उनका रजिस्ट्रेशन यूपी रेरा में अनिवार्य है। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो बिना पंजीकरण के चल रहे हैं और लाखों खरीदार प्रभावित हैं। 2018-19 में तैयार की गई एसओपी अपेक्षित परिणाम नहीं दे सकी थी, इसलिए अब रेरा अधिनियम-2019 की धारा 38 के तहत छठा संशोधन कर नई प्रक्रिया लागू की गई है। शिकायतों पर कार्रवाई के दौरान प्रोजेक्ट से संबंधित स्वीकृत मानचित्र, भूखंड अभिलेख, बिल्डर की जानकारी आदि ली जाएगी। तीन दिन में तकनीकी सलाहकार रिपोर्ट देंगे। यूपी रेरा का यह कदम नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत पूरे प्रदेश के खरीदारों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
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