Greater Noida Authority: प्राधिकरण द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्व शहर के विभिन्न सेक्टरों में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित वेंडिंग जोन आज भी उपयोग के अभाव में खाली पड़े हैं। इन वेंडिंग जोनों का उद्देश्य सड़कों पर अव्यवस्थित रूप से लगने वाली ठेलियों और रेहड़ी-पटरी वालों को व्यवस्थित करना था, ताकि शहर में यातायात और स्वच्छता बनी रहे। हालांकि, प्राधिकरण की उदासीनता के कारण यह योजना पूरी तरह विफल साबित हो रही है। इन सेक्टरों में वेंडिंग जोन बनाये थे जिसमे अल्फा 2, बीटा 1, बीटा 2, डेल्टा 2 और सेक्टर 36 आदि।
Greater Noida Authority: खाली पड़ी दुकानों का बुरा हाल
सूत्रों के अनुसार, कई लोगों ने वेंडिंग जोन में दुकान आवंटन के लिए प्राधिकरण को आवेदन शुल्क और अन्य राशि जमा कराई थी। इसके बावजूद, दो साल बीत जाने के बाद भी उन्हें दुकानें आवंटित नहीं की गई हैं। लंबे समय तक खाली रहने के कारण इन दुकानों की स्थिति खराब होने लगी है। दीवारों में दरारें, रंग उड़ना और बुनियादी सुविधाओं का अभाव अब इन वेंडिंग जोनों की बदहाली को दर्शा रहा है।
सड़कों पर बढ़ रही ठेलियों की संख्या
वेंडिंग जोनों के खाली रहने का सीधा असर शहर की सड़कों पर देखा जा सकता है। सड़कों और फुटपाथों पर ठेली और रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, जिससे यातायात जाम और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्राधिकरण ने वेंडिंग जोन बनाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली, लेकिन इन्हें कार्यशील बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

वेंडिंग जोन में दुकान के लिए आवेदन करने वाले एक व्यक्ति ने बताया, “हमने दो साल पहले दुकान के लिए पैसे जमा किए थे, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला। Greater Noida Authority के अधिकारी हर बार टालमटोल करते हैं। अब तो दुकानें भी खराब होने लगी हैं। वेंडिंग जोन को तत्काल प्रभाव से कार्यशील किया जाए। दुकान आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। खाली पड़ी दुकानों की मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। सड़कों पर अवैध ठेलियों को हटाकर उन्हें वेंडिंग जोन में स्थानांतरित करने के लिए सख्ती बरती जाए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह लापरवाही न केवल करोड़ों रुपये की सरकारी राशि की बर्बादी का कारण बन रही है, बल्कि शहर की व्यवस्था और सुंदरता को भी प्रभावित कर रही है। यदि समय रहते इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी तरह निष्फल हो सकती है। प्राधिकरण को चाहिए कि वह जनता के हित में त्वरित कार्रवाई करे और वेंडिंग जोनों को उनके उद्देश्य के अनुरूप कार्यशील बनाए।
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