ग्रेटर नॉएडा (कपिल कुमार)
जिला गौतम बुद्ध नगर मे पिछ्ले 3 दिन से निबंधन का काम ठप्प पड़ गया है। जेवर, दादरी, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा सभी उप निबंधक कार्यालयों के अधिवक्ता एवं दस्तावेज लेखको ने कलम बन्द हड़ताल कर रखी है। करोडो का राजस्व प्रतिदिन देने वाले जनपद गौतम बुद्ध नगर मे पिछ्ले 3 दिनो मे एक भी विलेख पंजीकृत नही हुआ है और इस सबके मूल मे है स्थानीय प्रशासन की हटधर्मीता। आइये पूरा प्रकरण सिलसिलेवार जानते हैं।
हुआ ये था की 1अक्टूबर 2020 के एक कार्यालय ज्ञापन/ प्रशाशनिक आदेश के तहत स्थानीय प्रशासन ने तथाकथित डूब छेत्र की रजिस्ट्रीयो पर अनेको प्रकार के प्रतिबंध लगा दिये थे, जिससे इन रजिस्ट्रीयो का पंजीकृत होना रूक गया था। यद्यपि रजिस्ट्रशन ऐक्ट 1908 स्पश्ट कहता है की किसी भी प्रशाशनिक आदेश से कहीं की भी रजिस्ट्री ना तो रोकि जा सकती है और ना ही उस पर कतिपय प्रतिबंध लगाये जा सकते हैं, फिर भी जिला अधिकारी के आदेशो का सभी उप निबंधक कार्यालयो ने अनुपालन किया ।
जिला अधिकारी के आदेशो मे लिखा था की सम्बंधित प्राधिकरण से NOC जारी होने पर रजिस्ट्री हो सकती है, तो प्रभावित पक्ष के सैंकड़ो किसान/ काश्तकारों ने प्राधिकरणों मे अनुमति के लिए अप्लाई किया, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी ,तीनो प्राधिकरणों में से किसी एक से भी शायद ही कोई अनुमति जारी हुई। इस पर किसानो ने उच्च अधिकारियों के पास प्रतिवेदन भेजने शुरू किये, जिनका संज्ञान लेते हुए, महानिरीक्षक निबंधन उत्तर प्रदेश ने जिला अधिकारी गौतम बुद्ध नगर को 23 जून 2021को आधिकारिक पत्र( 619/ तीन ए 425/ शि0का0लख0/ 2021) लिखकर अवगत कराया की उनका आदेश विधि विरूध है और तत्सम्मत कार्यवाही की अनुशंसा की, जिस पर जिला अधिकारी महोदय ने कोई तत्सम्मत कार्यवाही आज तक नही की।
इसके बाद पीड़ित लोगो ने उत्तर प्रदेश शासन मे प्रतिवेदन दिये जिस पर शासन ने सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करते हुए, सम्यक विचारो उपरान्त जिला अधिकारी गौतम बुद्ध नगर के संदर्भित कार्यालय ज्ञाप के बिन्दु संख्या 30 के प्रस्तर बी के उप प्रस्तर i व ii मे उल्लिखित क्रय विक्रय विलेखो के पंजीकरण को रोकने के आदेशो को तत्कालिक प्रभाव से, अपने 06 दिसंबर 2021 के शाशनदेस द्वारा निरस्त कर दिया, जिससे तथाकथित डूब छेत्र की रजिस्ट्री खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
आदेश 06 दिसंबर 2021 को हो जाने के बावजूद उप निबंधक कार्यालयो ने रजिस्ट्री नही खोली। फिर 14 दिसंबर 2021 को महानिरीक्षक निबंधन ने अपने अधिनस्थो को आदेशित किया और 17 दिसंबर को ए आई जी महोदय ने आदेश को अग्र्सारित किया, उसके बाद भी सभी पहलुओ पर अच्छी तरह विमर्श करने के बाद कहीं 26 दिसंबर 2021 को, शासन आदेश का अनुपालन करते हुए ये रजिस्ट्री प्रारंभ हुई, पर अभी तीन ही दिन बीते थे की जिला अधिकारी/अपर जिला अधिकारी(वित्त एवम् राजस्व) ने शासन आदेश की आज्ञा के विपरीत जाकर मौखिक आदेश से ये रजिस्ट्री बन्द करवा दी हैं।
यहाँ पर महत्वपूर्ण बिन्दु ये है की जबकी माननीय जिला अधिकारी महोदय का आदेश विधि विरूध था तो भी उनके आदेश का अनुपालन उनके मातहतो ने किया तो जब शासन आदेश से उनका आदेश निरस्त कर दिया गया है तो शासन की मंशा अनुरुप, विधि व्यवस्था के अनुरुप वो इसका अनुपालन क्योँ नही होने देना चाहते हैं। अन्ततः जिला अधिकारी महोदय, जिले के प्रशासन मे शासन के ही तो प्रतिनिधि हैं,और शासन आदेश का पालन करना एवं करवाना उनका मूल कर्तव्य है।
ज्ञात हुआ है की माननीय जिलाधिकारि महोदय ने शासन आदेश का अनुपालन तो रोका ही, साथ मे शासन आदेश का सम्यक विधि व्यवस्था के तहत पालन कर रहे निबंधन विभाग के अधिकारीयो को बुरी तरह डाँटा भी और एक राष्ट्रीय अखबार मे छपी खबरो की माने तो उन्हे जेल भेजने तक की धमकी दी।
शासन आदेश की अवज्ञा नहीं की जा सकती और उसकी अवहेलना से एक गलत परिपाटी की नींव पडती है तो जिलाधिकारी द्वारा शासन आदेश की अवज्ञा, उसका अनुपालन मौखिक रूप से रोक देने, उसका अनुपालन कर रहे अधिकारीयो से अभद्र्ता पुर्ण व्यवहार और नॉएडा बार के पदाधिकारियों के साथ हुए अभद्र्ता पुर्ण व्यवहार के विरोध मे जिले की समस्त बार, नॉएडा बार, ग्रेटर नोएडा बार, दादरी एवं जेवर बार , विधि व्यवस्था की स्थापना और शासन आदेश के अनुपालन हेतु अनिस्चीत कालीन हड़ताल पर हैं।
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