नोएडा।
गौतम बुध नगर के नोएडा शहर में तीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय है एक आरटीआई के द्वारा पूछा गया कि सब रजिस्टर कार्यालय में कितने लोग कार्यरत है जिसके जवाब में सब रजिस्ट्रार कार्यालय प्रथम ने बताया कि हमारे यहां सब रजिस्टार राजेश कुमार एवं कनिष्ठ सहायक निबंधक दीपक गुप्ता व राजीव कुमार बरौलिया कार्यरत है और सब रजिस्ट्रार कार्यालय द्वितीय ने बताया कि हमारे यहां सब रजिस्टार वीरसेन एवं कनिष्ठ सहायक निबंधक ओमकार वर्मा व विवेक शर्मा एवं परिचय राजेंद्र प्रसाद कार्यरत है वहीं सब रजिस्ट्रार कार्यालय तृतीय ने बताया कि हमारे यहां सब रजिस्टार पूनम सिंह एवं कनिष्ठ सहायक निबंधक अरविंद कुमार कौशिक व सर्वेश कुमार कार्यरत है।
जबकि नोएडा सब रजिस्टर कार्यालयों में दो दर्जन से ज्यादा लोग कार्यरत है
लेकिन जब हमने पड़ताल की तो पाया कि नोएडा सब रजिस्टर कार्यालयों में 2 दर्जन से भी ज्यादा लोग कार्यरत है जिनका कोई भी सरकारी रिकॉर्ड कार्यालय में दर्ज नहीं है ना ही इन लोगों की कोई हाजिरी कार्यालय में लगाई जाती है और तो और इन लोगों का कोई आईडी प्रूफ सब रजिस्ट्रार कार्यालय के पास मौजूद नहीं है।
इसके बाद हमने प्रथम अपील लगाई जोकि सहायक महानिरीक्षक निबंधक प्रथम के पास लगाई गई है लेकिन उन्होंने भी हमें बिल्कुल यही जवाब भेज दिया। कहां यही सत्य है अब हमें कौन बताएगा, जो यह लोग बिना नाम के कार्य कर रहे हैं यह कौन लोग है और किस की परमिशन से नौकरी कर रहे हैं।
प्राइवेट लोगों को रिश्वत के पैसों में से मिलता है हिस्सा
जब हमने इसकी पड़ताल की तो हमें पता लगा यह जो लोग यह काम कर रहे हैं यह रिश्वत के पैसे के लिए काम कर रहे हैं इन्हें कोई तनख्वाह यहाँ से नहीं मिलती है जो रिश्वत का पैसा इकट्ठा होता है उसमें से इन्हें भी इनका हिस्सा दे दिया जाता है, तो इस बात से यह साफ हो गया है नोएडा सब रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर हो रहा है और खूब रिश्वत ली जा रही है।
जानिए किस काम के लिए कितनी रिश्वत ली जाती है
जब हमने रिश्वत के बारे में जांच पड़ताल करनी शुरू की तो, जो बात सामने निकल कर आई वह बहुत चौंकाने वाली थी यहां हर काम के लिए रिश्वत के रेट फिक्स है जब आप कंप्यूटर पर फोटो खिंचवाते हैं और अंगूठा लगाते हैं तो वहां आपको 200 से ₹400 देने पड़ते हैं उसके बाद जब रजिस्ट्री पास होती है उसके 2500/ तक देने पड़ते हैं फोटो और अंगूठा होने के बाद कागज जमा करने वाले को 100 से ₹300 देने पड़ते हैं और अगर आपको जीपीए करानी है तो 10000 देने होंगे अगर आपको नकल निकलवानी है तो 300 से ₹500 देने होंगे अब आप अंदाजा लगा सकते हैं शाम तक इन लोगों के पास कितना रुपया इकट्ठा होता होगा। ये सभी रेट वकीलो दुवारा बताये गये है।
अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी इन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है और यह भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है आम आदमी को हर स्तर पर लुटा जा रहा है यह लोग कहते हैं कि यह पैसे हम सर्विस के नाम पर लेते हैं और लोगों को अच्छी सुविधाएं दे रहे हैं उनका काम जल्दी करा रहे हैं तो क्या रिश्वत लेकर ही जल्दी काम होता है?
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