संयुक्त राष्ट्र। अफगानिस्तान में भीषण भूकंप से मची तबाही के बीच भारत ने कहा है कि वह इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने को तैयार है। अफगानिस्तान में भीषण भूकंप में करीब 1000 लोग मारे गए हैं और हजारों मकान तबाह हुए हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कहा, ‘‘ मैं पीड़ितों तथा उनके परिवारों और अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप से प्रभावित हरेक इंसान के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं।
भारत, अफगानिस्तान के लोगों के दुख को समझता है और इस मुश्किल घड़ी में सहायता प्रदान करने को तैयार है।’’ इससे पहले,विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया था, ‘‘ अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत की ओर से भूकंप राहत सहायता की पहली खेप काबुल पहुंच गई है। इसे वहां भारतीय दल को सौंप दिया गया है। अभी और मदद भेजी जाएगी।’’ अफगानिस्तान के मध्य क्षेत्र में बुधवार तड़के 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था। पक्तिका प्रांत के चार जिलों गयान, बरमाला, नाका और जिरुक के साथ-साथ खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले में भी इसका असर दिखा। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ‘मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (ओसीएचए) ने कहा कि भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। कम से कम 1000 लोग मारे गए और कई लोग बेघर हो गए हैं।
करीब दो हजार मकान तबाह हुए हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2615 का समर्थन किया है, जो अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा परिषद कोष के संभावित गलत इस्तेमाल तथा दी गई छूट के किसी भी दुरुपयोग के संबंध में निकाय अपनी निगरानी जारी रखेगा। तिरुमूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि हमेशा की तरह अफगानिस्तान के प्रति भारत का रवैया उसकी ऐतिहासिक दोस्ती तथा अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंधों पर आधारित है।
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