ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कब टूटेगा दलाल और अधिकारियों का गठजोड़?

ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ विभागों में दलाल और अधिकारियों का गठजोड़ जगजाहिर है किसान 6 परसेंट विभाग, संपत्ति विभाग और नियोजन विभाग इन सभी विभागों में बिना दलालों के काम नहीं हो पा रहे हो, दलाल लोगों का काम कराने का ठेका ले रहे हैं और अधिकारी भी दलालों के माध्यम से ही काम करना चाहते हैं अगर डायरेक्ट कोई किसान या आम आदमी उनके पास जाता है तो अधिकारी उसे बात नहीं करते, प्राधिकरण कार्यालय में बुजुर्ग किसानों को कुर्सी नहीं दी जाती है जबकि दलालों को सोफा पर बैठा कर बिस्कुट के साथ चाय दी जाती है।

यह लोग (दलाल) अपने आप को नेता, पत्रकार, समाजसेवी, या किसी बड़े नेता के भाई भतीजे बताते हैं लेकिन असल में यह लोग कुछ नहीं होता यह सिर्फ दलाल होते हैं, अधिकारी इन्हीं से रिश्वत की कमाई करते हैं। संपत्ति विभाग, नियोजन विभाग ओर 6 परसेंट और अवैध निर्माण के अधिकारी बिना दलालों के कोई काम नहीं करते हैं सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार इन विभागों में है रात तक दलाल इन विभागों में मौजूद रहते हैं।

जो लोग कुछ दिन पहले दलाली कर रहे थे या फिर कुछ और काम कर रहे थे वह आज प्राधिकरण में लग गए है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ऐसे लोगों को भर्ती करा जा रहा है जो कुछ समय पहले तक या तो प्राधिकरण में ही दलाली का काम कर रहे थे या फिर कुछ और काम कर रहे थे लेकिन आज शिफारस और धनबल के प्रयोग से प्राधिकरण में लग गए है, न ही ऐसे लोगों की क्वालिफिकेशन देखी जाती है सीधे कुर्सी पर बैठा दिया जाता है जितना लूटना है लूट लो। इसकी जांच होनी चाहिए कि ऐसे लोगों को लगाने में किन लोगों का हाथ है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आने वाले लोगों की ऑनलाइन एंट्री क्यों नहीं होती?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने यह आदेश दिया था कि प्राधिकरण में आने वाले लोगों के लिए ऑनलाइन पास बनाना अनिवार्य होगा लेकिन आज तक भी है यह आदेश लागू नहीं हुआ है।

दलालों की पहुंच हर फाइल तक है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आप लोग देखेंगे, बाहरी लोग आपको फाइलों को उठापटक करते हुए देखेंगे, यह हर फाइल को खोलकर आसानी से देख लेते हैं फाइल में कोई कागज घटाना या बढ़ाना सकते है तो यह लोग कुछ भी कर सकते हैं कैसे पता लगेगा कि किस आदमी ने किस फाइल के साथ छेड़खानी की है, बाहरी व्यक्ति प्राधिकरण में किसी क्रिमिनल गतिविधि को भी आसानी से अंजाम दे सकता है।

हर विजिटर का बने फोटो आई कार्ड

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आने वाले विजिटर्स के लिए एंट्री गेट पर यह सुविधा हो कि उन्हें किस अधिकारी से मिलना है उसके लिए उन्हें बकायदा पास दिया जाए जिसका ऑनलाइन रिकॉर्ड भी प्राधिकरण के पास होना चाहिए, जिससे यह पता लगा सके कि कौन आदमी प्राधिकरण में कितनी बार आ रहा है और किस काम के लिए आ रहा है हर गतिविधि की मॉनिटरिंग हो सकती है।

हम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से यह मांग करते हैं कि जो लोग डायरेक्ट अधिकारी बनाए जा रहे हैं उनकी क्या क्वालिफिकेशन है क्या उनका बैकग्राउंड है इन सभी चीजों की जांच की जाएगी। ऐसे तो कोई भी व्यक्ति प्राधिकरण में डायरेक्ट अधिकारी बन सकता है इसकी जांच होनी चाहिए और इन लोगों पर कार्रवाई हो और साथ ही विजिटर के लिए ऐसी व्यवस्था हो जिसमें हर व्यक्ति का रिकॉर्ड प्राधिकरण के पास होना चाहिए कि कौन व्यक्ति कितनी बार और किस काम के लिए प्राधिकरण में आए।


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