ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) लगातार फ्लैट खरीदारों के मामलों में सुनवाई कर अपना आदेश जारी कर रहा है। बिल्डरों पर नकेल कसने के लिए लगातार अर्थदंड व वसूली प्रमाण पत्र जारी करने की कार्रवाई की जा रही है। जिसका असर अब बिल्डरों पर दिखने लगा है। आरसी के डर से बिल्डर लगातार फ्लैट खरीदारों से समझौता करने के लिए आगे आ रहे हैं।
50 हजार के करीब शिकायत अब तक दर्ज
पिछले एक साल में यूपी रेरा के कंसीलेशन फोरम में तीन हजार से अधिक वाद ऐसे आए हैं जिनमें आरसी जारी हो जाने के बाद बिल्डर व शिकायतकर्ताओं ने आपसी सुलह करने की मंशा जताई है। 1060 से अधिक शिकायत ऐसी है जिनमें रेरा का कंसीलेशन फोरम ने समझौता कराने में कामयाबी हासिल की है। रेरा कंसीलेशन फोरम के कंसीलेटर आरडी पालीवाल के मुताबिक कंसीलेशन फोरम में जो वाद पेंडिंग हैं उनमें से ज्यादातर मामलों में सुलह होने की उम्मीद है। ज्यादातर वाद ऐसे हैं जिनमें रेरा बिल्डर के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी कर चुका है। रेरा में 50 हजार के करीब शिकायत अब तक दर्ज हो चुकी है।
रेरा ने जारी की है आरसी
मालूम हो कि इन शिकायतों में 35 हजार शिकायत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़ी है। 38 हजार शिकायतों के सापेक्ष रेरा अपना आदेश जारी कर चुका है। प्रदेश में करीब 34 हजार बिल्डर परियोजना रेरा में पंजीकृत है। 54 सौ से अधिक शिकायतों में रेरा ने अभी तक आरसी जारी की है। आरसी के सापेक्ष करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की वसूली की जानी है।
बिल्डर बना रहे हैं शिकायतकर्ताओं पर सुलह का दबाव
वसूली के लिए प्रशासन लगातार बिल्डर परियोजनाओं के बाहर नोटिस चस्पा करने के साथ बीट आफ ड्रम करा रहा है। कई परियोजनाओं के निलामी करने की रणनीति भी प्रशासनिक स्तर से तैयार की गई है। बिल्डरों पर नकेल कसने के बाद लगातार बिल्डर शिकायतकर्ताओं पर सुलह समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। पिछले एक महीने में 12 से अधिक मामले ऐसे सामने आए हैं जिन मामलों में बिल्डरों ने सीधे शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर समझौता किया है।
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