नोएडा। कपिल कुमार
नोएडा की सड़कों पर सरफेस पार्किंग के ठेकों के नाम पर बड़े खेल की शिकायतें प्राधिकरण को लगातार मिली है। बकायेदार पार्किंग ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा में नियम ही बदल दिए गए। शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण अधिकारियों ने निविदा पर रोक लगा दी है। जांच के लिए 3 सदस्य कमेटी गठित की गई है।
जांच रिपोर्ट के बाद निविदा प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। उसके बाद ही पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए ठेकेदारों का चयन होगा। तब तक शहर की सड़कों पर वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा। शहर में 58 सरफेस पार्किंग का संचालन किया जा रहा था। कोरोना काल का हवाला देकर पार्किंग ठेकेदारों में प्राधिकरण को लाइसेंस शुल्क नहीं दिया। 18 करोड का बकाया हो गया। नवंबर में आवंटित ठेकों की समय सीमा भी खत्म हो गई और एक दिसंबर से कलस्टर 3 और 5 में शुल्क वसूली पर रोक लगा दी गई। प्राधिकरण की तरफ से दोबारा से निविदा प्रक्रिया शुरू की गई जनवरी में 12 ठेकेदारों में पार्किंग के लिए आवेदन किया कलस्टर एक में दो, 3 और 5 में पांच – पांच ठेकेदारों ने आवेदन किया।
ऐसे कई ठेकेदारों ने नोएडा में सरफेस पार्किंग हथियाने के हथकंडे अपनाए जो दिल्ली या हरयाणा या फिर किसी अन्य शहर में डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं अधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऐसे डिफॉल्टर ठेकेदारों को पार्किंग नहीं दी जा सकती थी। ऐसे में मेहरबान अधिकारी ने नियम ही बदल दिए नए सिरे से बनाए गए नियमों में उन्हें ही अयोग्य माना गया जो केवल नोएडा से डिफॉल्टर हो चुके हैं।

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