ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के नए-नए कारनामे देखने को मिलते हैं कुछ अधिकारियों ने तो प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां उड़ाने की कसम खा रखी है। उन्हें प्राधिकरण के नियमों कायदे कानून से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे ही कारनामे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में देखने को मिल रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्राइवेट कंपनियों को ग्रेटर नोएडा शहर में शौचालय (Public Toilet) बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराई है और प्राइवेट कंपनियों को शौचालय बनाने और उसका संचालन करने की एवज में प्राधिकरण ने कंपनी को शौचालय के ऊपर एडवर्टाइजमेंट होर्डिंग बोर्ड (Advertisement board) लगाने की परमिशन दी है एडवरटाइजिंग होर्डिंग बोर्ड सिर्फ शौचालय के ऊपर ही लगाया जा सकता है।
लेकिन प्राइवेट कंपनियों ने प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जो एडवरटाइजिंग होर्डिंग बोर्ड शौचालय के ऊपर लगने थे वह दूसरी प्राइम लोकेशन पर लगा दिए गए। जो कि प्राधिकरण के नियमों के बेहद विरुद्ध है और यह भ्रष्टाचार है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शौचालय की बजाय दूसरी जगह पर होर्डिंग लगवाने में अधिकारियों की मिलीभगत है और कुछ जगह पर तो शौचालय बनाने की भी लोकेशन को बदल गया है कुछ जगह पर पास में ही दो शौचालय बना दिए गए। इस भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
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