कारगिल युद्ध: ऑपरेशन तलवार से भारतीय नौसेना ने अरब सागर में पाकिस्तानी गतिविधियों को किया नाकाम

नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर

नौसेना ने अपनी वार्षिक अभ्यास को सबसे पहले पूर्वी समुद्र तट से पश्चिमी समुद्र तट पर स्थानांतरित किया था। इसके तहत पूर्वी बेड़े में तैनात युद्धपोतों को अरब सागर में भेजा गया, जिसके बाद ऑपरेशन तलवार की शुरुआत हुई।

आज से 25 साल पहले हुए कारगिल युद्ध में भारतीय थल सेना और भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि इस युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने भी अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय नौसेना ने उस समय ऑपरेशन तलवार चलाया और पाकिस्तान को अरब सागर से बाहर धकेल दिया था। हालांकि, नौसेना सीधे कारगिल में लड़ाई में शामिल नहीं हुई थी, लेकिन एक जांबाज अफसर ने 26,400 फीट की ऊंचाई तक हेलीकॉप्टर उड़ाया और तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने उनके साहस की प्रशंसा की और उन्हें सम्मानित किया था।

कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नौसेना भी सक्रिय हो गई थी और अरब सागर में उसकी गतिविधियों में वृद्धि हुई थी। सैन्य शक्ति के तीन सिद्धांत हैं: भूमि, समुद्र और वायु। इनमें से वायु सेना सबसे तेजी से अभियान शुरू कर सकती है, जबकि नौसेना दूसरे स्थान पर आती है। नेवी के मिशन हमेशा चलते रहते हैं, इसलिए कुछ नेवी शिप्स को हमेशा समुद्र में रहना पड़ता है। जैसे-जैसे कारगिल में ऑपरेशन की गति बढ़ी, वैसे-वैसे समुद्र में नौसेना की गतिविधियां भी बढ़ीं। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आक्रामक गश्त की। एक समय पर 30 से अधिक भारतीय नौसेना के जहाज कराची बंदरगाह के बाहर सिर्फ 13 समुद्री मील (24 किलोमीटर) की दूरी पर मौजूद थे, यानी पाकिस्तान के जल क्षेत्र से केवल 2 किमी से भी कम दूरी पर भारतीय नौसेना तैनात थी।


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